बिहार के कुख्यात अपराधी बूटन चौधरी की मुंबई से गिरफ्तारी, दो लाख का इनाम था घोषित

बिहार का कुख्यात अपराधी और पूर्व रणवीर सेना का एरिया कमांडर बूटन चौधरी की गिरफ्तारी एक बड़ी सफलता के रूप में सामने आई है। शनिवार रात बिहार एसटीएफ ने महाराष्ट्र के मुंबई से उसे दबोच लिया। उसके ऊपर दो लाख रुपये का इनाम घोषित था, और उसके विरुद्ध पांच से अधिक गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
बूटन चौधरी की गिरफ्तारी मुंबई पुलिस के सहयोग से हुई है, और उसकी रिमांड लेकर बिहार लाने की प्रक्रिया जारी है। वह भोजपुर जिला के बेलाउर गांव का निवासी है, जहां से अप्रैल 2025 में एसटीएफ ने एके-47 राइफल, 43 जिंदा कारतूस, इंसास राइफल की दो मैगजीन और एक हैंड ग्रेनेड समेत भारी मात्रा में हथियार बरामद किए थे।
2016 में भी बूटन को AK-47 और पिस्तौल के साथ पकड़ाया गया था। उस समय उसने पंचायत चुनाव में अपने वर्चस्व को दिखाने के लिए खुलेआम हथियारों का प्रदर्शन किया था। उस केस में कोर्ट ने उसे सात साल की सजा सुनाई थी, वहीं उसके भाई उपेंद्र को तीन साल की सजा मिली थी।
बूटन चौधरी आरा और आसपास के इलाकों में अपनी दहशत के लिए कुख्यात था। वह हथियारों का शौकीन होने के साथ-साथ पंचायत चुनावों से लेकर आपसी विवादों में हथियारों के दम पर वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश करता रहा। बीते तीन महीने पहले ही वह बीडीसी सदस्य दीपक साह हत्या केस में जेल से बाहर आया था।
बूटन और रंजीत चौधरी के बीच एक पुराना गैंगवार भी रहा है, जिसने भोजपुर के कई हिस्सों में लंबे समय तक आतंक फैलाया। दोनों कभी करीबी साथी थे, लेकिन जमीन विवाद के बाद उनकी दोस्ती दुश्मनी में बदल गई।
पुलिस अधिकारीयों ने बताया कि बूटन और उसके भाई उपेंद्र पर हत्या, रंगदारी, गोलीबारी, और अवैध हथियार रखने जैसे कई संगीन आरोप हैं। उनकी गिरफ्तारी से बेलाउर पंचायत और आसपास के क्षेत्रों में हथियार और आतंक की राजनीति समाप्त होने की उम्मीद जताई जा रही है।
यह गिरफ्तारी बिहार पुलिस के लिए बड़ी कामयाबी मानी जा रही है, क्योंकि बूटन चौधरी लंबे समय से फरार चल रहा था और उसके ऊपर एक लाख रुपये का इनाम था। अब पुलिस उसे रिमांड लेकर बिहार लाएगी और पुराने और नए मामलों में सख्त कार्रवाई करेगी। इस कार्रवाई से भोजपुर समेत बिहार के कई इलाकों में शांति बहाल होने की उम्मीद है।