नहरों में पानी न छोड़े जाने से धान की फसल संकट में, किसानों ने अधिशासी अभियंता को सौंपा ज्ञापन

Report By: श्रवण कुमार यादव
जनपद बाराबंकी में धान की फसल इन दिनों पानी के अभाव में संकट में दिखाई दे रही है। स्थिति यह है कि लंबे समय से नहरों में पानी न छोड़े जाने से खेतों में खड़ी फसल सूखने के कगार पर पहुंच चुकी है। इस गंभीर समस्या को लेकर भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के जिलाध्यक्ष राम बरन वर्मा के नेतृत्व में किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार, दिनांक 22 अगस्त 2025 को सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता से मिला और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में स्पष्ट किया गया कि बरसात पर निर्भर खेती पहले से ही मौसम की मार झेल रही है। दूसरी ओर नहरों में पानी न छोड़े जाने से धान की फसल की रोपाई और उसकी सिंचाई गंभीर संकट में आ गई है। किसानों का कहना है कि यदि समय रहते नहरों में पानी नहीं छोड़ा गया तो मेहनत, समय और पूंजी सब बर्बाद हो जाएगा।
किसानों ने चेतावनी दी है कि धान की फसल यदि नष्ट हुई तो हजारों किसानों को बड़े आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा। बढ़ती महंगाई और लागत पहले ही किसानों पर भारी पड़ रही है। ऐसे में यदि समय पर सिंचाई का पानी उपलब्ध नहीं हुआ तो किसान कर्ज और बदहाली के दलदल में फंस सकते हैं।
संगठन ने ज्ञापन के माध्यम से मांग की कि नहरों में बिना विलंब पानी छोड़ा जाए ताकि खेतों की खड़ी धान की फसल को बचाया जा सके। किसानों ने यह भी कहा कि यदि समय रहते उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो उन्हें बड़े पैमाने पर आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
इस मौके पर बड़ी संख्या में संगठन के पदाधिकारी और किसान मौजूद रहे। सभी ने एक सुर में अधिकारियों से गुहार लगाई कि उनकी समस्याओं पर तत्काल संज्ञान लिया जाए और राहत दी जाए।