बिजली के नाम पर धांधली, उपभोक्ताओं की बढ़ी परेशानी

Report By: श्रवण कुमार यादव

बाराबंकी: जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। पावर हाउस कोटवाधाम में तैनात निजी कर्मचारियों की भ्रष्ट कार्यशैली का खामियाजा आम उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। उपभोक्ता जहां रोजाना 24 घंटे में 8 घंटे की भी नियमित विद्युत आपूर्ति से वंचित हैं, वहीं दूसरी ओर बिजली विभाग के ये कर्मचारी मेला क्षेत्र में कटिया कनेक्शन लगवाकर धन उगाही में व्यस्त रहते हैं।

ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी 16 से 18 घंटे की बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। किंतु पावर हाउस कोटवाधाम में तैनात निजी कर्मचारियों पर इन आदेशों का कोई असर नहीं दिख रहा। स्थानीय लोग आरोप लगाते हैं कि ये कर्मचारी खुद को मुख्यमंत्री से भी ऊपर समझते हैं और अपनी मनमानी पर उतारू हैं।

किसानों और छोटे घरेलू उपभोक्ताओं का कहना है कि जिन बड़े उपभोक्ताओं पर विद्युत बकाया है, उन्हें तो कर्मचारी संरक्षण देते हैं। वहीं, जिन छोटे उपभोक्ताओं से मामूली बकाया है, उन्हें उत्पीड़न का शिकार बनाना आम बात है। इससे न केवल उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ी है, बल्कि बिजली विभाग की छवि भी धूमिल हो रही है।

कोटवाधाम मेला क्षेत्र में करीब 50 दुकानें नियमित रूप से लगती हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां तैनात निजी कर्मचारियों की मेहरबानी से शायद ही कोई दुकान ऐसी हो जहां बिना वैध विद्युत कनेक्शन बल्ब और पंखे न चल रहे हों। यही नहीं, घरेलू कनेक्शन का व्यावसायिक उपयोग और व्यावसायिक कनेक्शन पर क्षमता से अधिक विद्युत खपत जैसी अनियमितताएं भी धड़ल्ले से चल रही हैं। यह सब कर्मचारियों की सांठ-गांठ से संभव हो रहा है।

क्षेत्रीय लोग बताते हैं कि यदि इस पूरे मामले की बारीकी से जांच की जाए तो बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है। बिजली आपूर्ति की अव्यवस्था और कर्मचारियों की मनमानी का सीधा खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है।

इस संबंध में राष्ट्रीय जनमानस पार्टी संगठन की ओर से उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव को पत्र प्रेषित कर आकस्मिक और गोपनीय जांच की मांग की गई है। संगठन ने दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी दंडात्मक कार्रवाई किए जाने की सिफारिश भी की है, ताकि आम उपभोक्ताओं को राहत मिल सके और बिजली व्यवस्था में पारदर्शिता लाई जा सके।

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