सीतापुर में कृषि वानिकी और काष्ठ आधारित उद्योगों पर विशेष कार्यशाला, किसानों को मिलेगा कार्बन क्रेडिट से लाभ

Report By : उत्तर प्रदेश डेस्क
सीतापुर – सीतापुर में आज काष्ठ आधारित उद्योगों तथा कृषि वानिकी के संवर्धन पर केंद्रित एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों, वन विभाग के अधिकारियों, उद्योग प्रतिनिधियों, किसानों और मीडिया से जुड़े लोगों ने भाग लेकर कृषि वानिकी को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए नए आयामों पर चर्चा की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. अरुण सक्सेना, मा0 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश रहे। विशेष अतिथि के रूप में राकेश राठौर “गुरू जी”, मा0 राज्य मंत्री, नगर विकास विभाग उत्तर प्रदेश उपस्थित रहे।
इसके अतिरिक्त मंच पर श्री ललित वर्मा, सदस्य सचिव, राज्य स्तरीय समिति, काष्ठ आधारित उद्योग, उ0प्र0 लखनऊ; डॉ. रेणु सिंह, अपर प्रमुख मुख्य वनसंरक्षक/मुख्य वन संरक्षक, लखनऊ मण्डल; श्री राजेश शुक्ला, जिला अध्यक्ष, भाजपा सीतापुर; संजय बिस्वाल, प्रभागीय वनाधिकारी दक्षिण खीरी; जयंत शिंदे, प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी, हरदोई तथा मिश्रिख विधायक श्री रामकृष्ण भार्गव भी उपस्थित रहे।
कृषि वानिकी और किसानों की आय वृद्धि पर जोर
अपने संबोधन में डॉ. अरुण सक्सेना ने कहा कि “कृषि वानिकी को बढ़ावा देना और काष्ठ आधारित उद्योगों के साथ तालमेल स्थापित करना किसानों की आर्थिक प्रगति के लिए अत्यंत आवश्यक है।” उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों को पौध, तकनीकी मार्गदर्शन और कार्बन क्रेडिट जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराएगी, जिससे किसानों की आय दोगुनी होगी और प्रदेश की हरित अर्थव्यवस्था (Green Economy) को नई गति मिलेगी।
किसानों को मुफ्त पौध और बाय-बैक का वादा
कार्यशाला में हरदोई और लखीमपुर खीरी से आए किसान व उद्योग मालिकों ने घोषणा की कि वे किसानों को निःशुल्क पौध (जैसे बांस, पॉपलर, यूकेलिप्टस आदि) उपलब्ध कराएँगे और फसल परिपक्व होने पर न्यायसंगत मूल्य पर बाय-बैक (Buy-back Policy) करेंगे। इस पहल से किसानों को सुरक्षित आय का भरोसा मिलेगा और बड़े पैमाने पर कृषि वानिकी को बढ़ावा मिलेगा।
कार्बन क्रेडिट परियोजना पर प्रस्तुति
कार्यक्रम में ज्म्त्प् (ज्वाइंट मैकेनिज्म फॉर ट्रेड एंड प्रोजेक्ट्स मैनेजमेंट) द्वारा उत्तर प्रदेश में संचालित कार्बन क्रेडिट प्रोजेक्ट पर विस्तृत प्रस्तुति दी गई। इसमें बताया गया कि कृषि वानिकी एवं वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करके किसान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्बन क्रेडिट बाजार से जुड़ सकते हैं और प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ कमा सकते हैं।
चर्चाएं और भविष्य की रणनीति
कार्यशाला में विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों ने निम्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की:
- कृषि वानिकी को बढ़ावा देने की रणनीति
- किसानों की आय दोगुनी करने के उपाय
- कार्बन फाइनेंस (Carbon Finance) की संभावनाएं
- पर्यावरण संरक्षण (Environment Protection) और हरित अर्थव्यवस्था (Green Economy)
विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि काष्ठ आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने से किसानों को सीधा आर्थिक लाभ होगा और यह प्रदेश को One Trillion Dollar Economy के लक्ष्य तक पहुँचाने में सहायक होगा।
आभार और समापन
कार्यक्रम के अंत में नवीन खंडेलवाल, प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी वन प्रभाग, सीतापुर ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि –
“कृषि वानिकी, काष्ठ आधारित उद्योग और कार्बन फाइनेंस के समन्वय से सीतापुर को हरा-भरा और आर्थिक रूप से मजबूत बनाना हमारा साझा लक्ष्य है।”