भगवान श्री राम का जीवन त्याग और समर्पण का अद्भुत उदाहरण है: सुजीत यादव

Report By: उत्तर प्रदेश
गाज़ीपुर, नन्दगंज
नन्दगंज क्षेत्र में श्री रामलीला समिति चकिया-सबुआ द्वारा आयोजित रामलीला मंचन के पांचवें दिन भगवान श्री राम की अद्भुत लीलाओं का भव्य प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर पिछड़ा दलित विकास महासंघ एवं यादव महासभा गाजीपुर के जिलाध्यक्ष सुजीत यादव मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में पहुंचे और भगवान श्री राम दरबार का पूजन-अर्चन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
रामलीला मंच पर कलाकारों ने भगवान श्री राम के जीवन के प्रमुख प्रसंगों को भावनात्मक और जीवंत रूप में प्रस्तुत किया। मंचन में राम का वनवास, सीता माता का रावण द्वारा हरण, और वन में झेले गए कष्टों को दर्शकों के सामने बखूबी प्रदर्शित किया गया।
कार्यक्रम के दौरान समिति के अध्यक्ष यशवंत पाण्डेय, उपाध्यक्ष राकेश पाण्डेय, कोषाध्यक्ष राधेश्याम पाण्डेय, मैनेजर राजेश पाण्डेय, एवं महामंत्री अम्बिका महाराज ने मुख्य अतिथि सुजीत यादव का पुष्पगुच्छ एवं अंगवस्त्र भेंट कर भव्य स्वागत एवं अभिनंदन किया।
समारोह को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष सुजीत यादव ने कहा कि भगवान श्री राम का जीवन हम सबके लिए आदर्श है। उन्होंने कहा—
“मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने अपने माता-पिता की आज्ञा का पालन करते हुए राज-पाठ का त्याग कर वनवास स्वीकार किया। उनका जीवन हमें त्याग, समर्पण और मर्यादा का पाठ पढ़ाता है।”
उन्होंने आगे कहा कि रामलीला मंचन के माध्यम से समाज को यह संदेश दिया जा रहा है कि कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य, सहनशीलता, और सत्य के मार्ग पर चलना ही सच्ची भक्ति है।
रामलीला मंचन को देखने के लिए हजारों की संख्या में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी। दर्शकों ने भगवान श्री राम की लीलाओं का आनंद उठाया, आरती में भाग लिया और प्रसाद ग्रहण किया।
कार्यक्रम स्थल पर श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत माहौल देखने को मिला।
इस अवसर पर उपस्थित जनसमुदाय ने कहा कि रामलीला जैसी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां समाज में धार्मिक भावना, संस्कार और मर्यादा का संदेश देती हैं। श्री रामलीला समिति ने इस आयोजन के माध्यम से समाज को प्रेरित करने का सराहनीय प्रयास किया है।
📍स्थान: नन्दगंज, गाज़ीपुर
🗓️ कार्यक्रम: श्री रामलीला मंचन (पांचवां दिन)
🎙️ मुख्य अतिथि: सुजीत यादव, जिलाध्यक्ष – पिछड़ा दलित विकास महासंघ व यादव महासभा
📋 आयोजक: श्री रामलीला समिति चकिया-सबुआ