एसकेडी इंटरनेशनल स्कूल, अवध विहार योजना में सीताराम मंदिर का नींव पूजन सम्पन्न

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क
लखनऊ : राजधानी लखनऊ स्थित एसकेडी इंटरनेशनल स्कूल, अवध विहार योजना में नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर सीताराम मंदिर का नींव पूजन समारोह बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ। यह ऐतिहासिक अवसर संस्था के चेयरमैन एस.के.डी. सिंह की गरिमामयी उपस्थिति में सम्पन्न हुआ, जिन्होंने इस शुभ कार्य की अगुवाई करते हुए पूरे आयोजन को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक वैदिक अनुष्ठानों, पूजा और मंत्रोच्चारण के साथ हुआ। मंदिर निर्माण की नींव रखते समय पंडितों ने शांति और समृद्धि की मंगलकामनाएँ करते हुए वैदिक मंत्रों का उच्चारण किया। यह पूरा आयोजन न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान था, बल्कि विद्यार्थियों और उपस्थित लोगों के लिए भक्ति, संस्कृति और नैतिक मूल्यों से जुड़ने का एक प्रेरणादायी अवसर भी बना।
समारोह में उपस्थित सभी लोगों को प्रसाद, रामनामी और रामायण वितरित की गई। इस दौरान यह घोषणा की गई कि आगामी 7 अक्टूबर 2025 को वाल्मीकि जयंती के अवसर पर विशेष रामायण पाठ का आयोजन किया जाएगा और इसके बाद नियमित रूप से रामायण पाठ करने की परंपरा शुरू की जाएगी। इससे विद्यालय परिसर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक चेतना का केंद्र बनेगा।
एसकेडी ग्रुप ऑफ एजुकेशन के निदेशक मनीष सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा,
“विद्यालय परिसर में सीताराम मंदिर का निर्माण केवल एक स्थापत्य पहल नहीं है। यह विद्यार्थियों में नैतिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को विकसित करने का एक माध्यम है। यह मंदिर आने वाली पीढ़ियों के लिए भक्ति और अनुशासन का दीपस्तंभ बनेगा और उनके चरित्र निर्माण की प्रक्रिया को सुदृढ़ करेगा।”
समारोह में समूह की उप-निदेशिका निशा सिंह और सहायक निदेशिका (शैक्षणिक) कुसुम बत्रा ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज की। एसकेडी समूह की सभी शाखाओं के प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। उनकी सहभागिता ने इस आयोजन को और भी भव्य और प्रेरणादायी बना दिया।
नवरात्रि अष्टमी के दिन सम्पन्न हुआ यह नींव पूजन समारोह केवल एक धार्मिक परंपरा का निर्वाह भर नहीं है, बल्कि यह एसकेडी ग्रुप ऑफ एजुकेशन की उस दृष्टि का प्रतीक है, जिसमें शैक्षणिक उत्कृष्टता को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों के साथ जोड़कर विद्यार्थियों के समग्र विकास की राह बनाई जा रही है।
यह आयोजन संस्था के लिए एक नई पावन यात्रा की शुरुआत है, जो शिक्षा और संस्कारों के समन्वय से आने वाली पीढ़ियों को सशक्त, नैतिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा।