गाज़ीपुर में मनरेगा घोटाले का बड़ा खुलासा, मजदूरों के पैसे के साथ हो रहा खेल

Report By: आसिफ अंसारी
गाज़ीपुर: गरीबों के लिए रोज़गार और सामाजिक सुरक्षा का सबसे बड़ा माध्यम माने जाने वाले मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) में गाज़ीपुर के जखनियां ब्लॉक की ग्राम सभा मरदानपुर से एक बड़ा घोटाला सामने आया है। स्थानीय लोगों और जांचकर्ताओं की मानें तो यहाँ पर मजदूरों की हाजिरी मस्टर रोल में दिखाई जा रही है, जबकि वास्तविकता यह है कि कोई मजदूर कार्यस्थल पर मौजूद नहीं है।
मजदूरों की हाजिरी की मनमानी:
ग्राम सभा मरदानपुर में कुल 118 मजदूरों के नाम मस्टर रोल में दर्ज हैं। लेकिन मौके पर जाकर देखा गया तो कार्य को रात में ट्रैक्टर से कराया जा रहा है और मजदूर कहीं नज़र नहीं आते। दिलचस्प बात यह है कि एक ही मजदूर की तस्वीर अलग-अलग एंगल से खींचकर मस्टर रोल में दर्ज की जा रही है, और कई नामों के तहत पेमेंट लिया जा रहा है।
महिलाओं को बनाना पड़ा ‘पेमेंट का माध्यम’:
गांव की महिलाओं को मौके पर बुलाया जाता है, उनके फोटो खींचे जाते हैं और उनके नाम पर पेमेंट प्राप्त किया जाता है। लेकिन असली धन ग्राम प्रधान और रोजगार सेवक की जेब में चला जाता है। जॉब कार्ड धारक मजदूरों को इस घोटाले का मात्र 500 रुपये मिलते हैं, जबकि हज़ारों रुपये का अवैध वितरण भ्रष्ट अधिकारियों और उनके साथियों के बीच होता है।
स्थानीय लोगों में नाराजगी:
स्थानीय लोग इस भ्रष्टाचार से बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि मनरेगा जैसी योजना का मकसद गरीबों को काम और उनकी आय सुनिश्चित करना है, लेकिन ऐसे भ्रष्टाचार से योजना का मूल उद्देश्य खो जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि गरीबों का मेहनत का पैसा कुछ लोगों की निजी जेबों में चला जाता है और सच्चे मेहनतकशों को उनका हक नहीं मिल पाता।
जांच और न्याय की मांग:
ग्रामवासियों और सामाजिक संगठनों ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उनका सवाल है — कब तक गरीबों के हक का पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता रहेगा? दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभागों से निष्पक्ष जांच और कड़ी कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।





