अनट्रेंड इलाज से खतरे में ज़िंदगियां मसवासी में इंजेक्शन लगने से बुजुर्ग महिला की हालत बिगड़ी, अवैध नर्सिंग होम पर उठे गंभीर सवाल

Report By : राहुल मौर्य

मसवासी (रामपुर) क्षेत्र में अनट्रेंड इलाज (Untrained Treatment) और अवैध नर्सिंग होम (Illegal Nursing Home) संचालन का एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसने ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं। काशीपुर मार्ग स्थित एक निजी अस्पताल में बुखार की दवा लेने गई एक बुजुर्ग महिला को कथित चिकित्सक द्वारा इंजेक्शन लगाए जाने के बाद उसकी हालत अचानक बिगड़ गई। महिला की स्थिति गंभीर होते देख परिजनों ने उसे तत्काल दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका इलाज जारी है। यह मामला न केवल चिकित्सा लापरवाही (Medical Negligence) को उजागर करता है, बल्कि क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की निगरानी व्यवस्था पर भी सवाल उठाता है।

प्रत्यक्षदर्शियों और परिजनों के अनुसार, घटना शनिवार की है जब नगर निवासी एक बुजुर्ग महिला हल्के बुखार की शिकायत लेकर काशीपुर मार्ग स्थित एक निजी अस्पताल पहुंची थी। आरोप है कि वहां मौजूद कथित चिकित्सक, जिसकी प्रशिक्षण और पंजीकरण (Medical Registration) को लेकर पहले से ही स्थानीय लोगों में संदेह रहा है, ने बिना समुचित जांच के महिला को इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन लगते ही महिला को असहनीय दर्द (Severe Pain) हुआ और उसकी तबीयत तेजी से बिगड़ने लगी। स्थिति बिगड़ती देख परिजन घबराकर महिला को अपने घर ले गए।

परिजनों का कहना है कि घर पहुंचने के बाद महिला की हालत और अधिक गंभीर हो गई, जिसके बाद उसे दूसरे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। अस्पताल में प्राथमिक जांच के दौरान डॉक्टरों ने इंजेक्शन रिएक्शन (Injection Reaction) की आशंका जताई है। फिलहाल महिला की स्थिति नाजुक बनी हुई है, और डॉक्टर लगातार निगरानी (Medical Observation) में उसका इलाज कर रहे हैं।

इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात तब सामने आई जब घटना की जानकारी मिलते ही कथित चिकित्सक स्वयं बुजुर्ग महिला के घर पहुंच गया। आरोप है कि उसने परिजनों से इलाज के दौरान लिखा गया दवाई का पर्चा (Prescription Slip) छीनने का प्रयास किया और उसे फाड़ने लगा। इस हरकत से परिजनों और आसपास के लोगों में आक्रोश फैल गया, जिसके चलते मौके पर हंगामे की स्थिति बन गई। हालात बिगड़ते देख कथित चिकित्सक अपनी बाइक से मौके से फरार (Fled from Spot) हो गया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि मसवासी नगर और आसपास के क्षेत्रों में कई स्थानों पर इस तरह के अवैध नर्सिंग होम (Unauthorized Clinics) संचालित हो रहे हैं, जहां अनट्रेंड युवक और युवतियां मरीजों का इलाज कर रहे हैं। इन केंद्रों पर न केवल सामान्य बीमारियों का इलाज किया जाता है, बल्कि डिलीवरी (Delivery Cases) जैसे संवेदनशील मामलों को भी अंजाम दिया जाता है। जब मरीज की हालत गंभीर हो जाती है, तो उसे आनन-फानन में काशीपुर या बाजपुर (Referral Hospitals) के निजी अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है, जिससे मरीज की जान जोखिम में पड़ जाती है।

ग्रामीणों का आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की ओर से नियमित निरीक्षण (Inspection) और सख्त कार्रवाई के अभाव में ऐसे अवैध चिकित्सा केंद्र फल-फूल रहे हैं। गरीब और अशिक्षित ग्रामीण आबादी सस्ते इलाज के लालच में ऐसे नर्सिंग होम का रुख करती है, लेकिन अनट्रेंड इलाज के कारण उन्हें गंभीर दुष्परिणाम भुगतने पड़ते हैं। यह मामला एक बार फिर Patient Safety और Rural Healthcare की बदहाल स्थिति को उजागर करता है।

इस पूरे मामले को लेकर नोडल अधिकारी डॉक्टर देवेश चौधरी (Nodal Officer) से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हो सका। स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान (Official Statement) सामने नहीं आने से लोगों में नाराजगी और असंतोष बढ़ता जा रहा है। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच (Fair Investigation) कराई जाए और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई (Strict Legal Action) की जाए।

विशेषज्ञों का कहना है कि बिना प्रशिक्षण और वैध पंजीकरण के इलाज करना कानूनन अपराध है। ऐसे मामलों में न केवल इलाज करने वाले व्यक्ति, बल्कि अवैध नर्सिंग होम संचालकों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। यह घटना चेतावनी है कि यदि समय रहते स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी नहीं की गई, तो ऐसे हादसे भविष्य में और भी गंभीर रूप ले सकते हैं।

Mukesh Kumar

मुकेश कुमार पिछले 3 वर्ष से पत्रकारिता कर रहे है, इन्होंने सर्वप्रथम हिन्दी दैनिक समाचार पत्र सशक्त प्रदेश, साधना एमपी/सीजी टीवी मीडिया में संवाददाता के पद पर कार्य किया है, वर्तमान में कर्मक्षेत्र टीवी वेबसाईट में न्यूज इनपुट डेस्क पर कार्य कर रहे है !

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