मसवासी में गलत इंजेक्शन (Injection) से बुजुर्ग महिला की मौत, अवैध अस्पताल (Illegal Hospital) और मेडिकल संचालक पर लापरवाही के गंभीर आरोप

Report By : राहुल मौर्य
मसवासी (Maswasi) नगर में स्वास्थ्य सेवाओं (Health Services) की पोल खोलने वाली एक बेहद गंभीर और दुखद घटना सामने आई है, जहां काशीपुर मार्ग स्थित एक कथित अस्पताल और मेडिकल स्टोर (Hospital & Medical Store) में गलत इंजेक्शन (Wrong Injection) लगाए जाने के बाद बुजुर्ग महिला की हालत अचानक बिगड़ गई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है और मृतका के परिवार में कोहराम मच गया है।
मृतका की पहचान सोमवती देवी (Somvati Devi) उम्र करीब 60 वर्ष, पत्नी नेमचंद, निवासी मोहल्ला चाऊपुरा वार्ड नंबर-5 मसवासी के रूप में हुई है। परिजनों के अनुसार, शनिवार को सोमवती देवी बुखार की शिकायत (Fever Complaint) को लेकर काशीपुर मार्ग पर स्थित एक अस्पताल व मेडिकल स्टोर पर दवा लेने के लिए गई थीं। आरोप है कि वहां मौजूद कथित चिकित्सक (Alleged Doctor) और अनट्रेंड स्टाफ (Untrained Staff) ने बिना किसी उचित जांच और पर्चे के उन्हें इंजेक्शन लगा दिया, जिसके तुरंत बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी।
परिजनों का कहना है कि इंजेक्शन लगते ही वृद्धा के शरीर में तेज कंपकंपी, घबराहट और दर्द शुरू हो गया। स्थिति गंभीर होती देख परिजन उन्हें उठाकर घर ले आए। कुछ ही समय बाद हालत और बिगड़ने पर उन्हें आनन-फानन में दूसरे अस्पताल (Another Hospital) में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उनकी स्थिति नाजुक बनी रही। रविवार को इलाज के दौरान महिला की दर्दनाक मौत (Death) हो गई।
घटना के बाद मामला उस समय और गंभीर हो गया जब कथित अस्पताल संचालक या चिकित्सक, महिला की हालत बिगड़ने की खबर लगते ही मृतका के घर पहुंच गया। परिजनों के अनुसार, उसने दवा का पर्चा (Prescription) छीनने और उसे फाड़ने का प्रयास किया। इस हरकत का परिजनों ने विरोध किया, जिसके बाद घर में हंगामा (Commotion) खड़ा हो गया। हंगामा बढ़ता देख कथित चिकित्सक बाइक से मौके से फरार (Absconding) हो गया। इस घटना ने स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश (Public Anger) पैदा कर दिया है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि मसवासी नगर और आसपास के इलाकों में कई अवैध नर्सिंग होम (Illegal Nursing Home) और अस्पताल बिना पंजीकरण (Registration) के संचालित हो रहे हैं, जहां अनट्रेंड युवतियां और कर्मचारी मरीजों का इलाज कर रहे हैं। आरोप यह भी है कि इन अवैध संस्थानों में प्रसव (Delivery) जैसे संवेदनशील कार्य तक कराए जाते हैं और जब मरीज की हालत बिगड़ जाती है, तो उन्हें काशीपुर या बाजपुर के बड़े अस्पतालों में रेफर (Refer) कर दिया जाता है, जिससे जिम्मेदारी से बचा जा सके।
मृतका के परिजनों ने स्पष्ट रूप से अस्पताल और मेडिकल संचालक पर गंभीर लापरवाही (Medical Negligence) का आरोप लगाया है। परिवार का कहना है कि यदि सही उपचार और प्रशिक्षित चिकित्सक द्वारा इलाज किया गया होता, तो सोमवती देवी की जान बचाई जा सकती थी। पीड़ित परिवार ने प्रशासन (Administration) और स्वास्थ्य विभाग (Health Department) से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
घटना की सूचना मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया है। इस संबंध में नोडल अधिकारी (Nodal Officer) डॉ. देवेश चौधरी (Dr. Devesh Chaudhary) ने बताया कि महिला की मौत की जानकारी मिली है और मामले की जांच (Inquiry) शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि जांच में यदि अस्पताल या मेडिकल स्टोर की लापरवाही अथवा अवैध संचालन पाया जाता है, तो संबंधित लोगों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई (Strict Action) की जाएगी।
यह घटना एक बार फिर ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में चल रहे अवैध अस्पतालों और झोलाछाप चिकित्सकों (Quack Doctors) की गंभीर समस्या को उजागर करती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते प्रशासन इन अवैध संस्थानों पर कार्रवाई नहीं करता, तो भविष्य में ऐसी घटनाएं (Incidents) दोहराई जा सकती हैं।
फिलहाल मृतका के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है, लेकिन परिवार न्याय (Justice) की मांग पर अड़ा हुआ है। क्षेत्र में इस घटना को लेकर शोक और आक्रोश का माहौल है, वहीं लोग स्वास्थ्य विभाग से ठोस कदम उठाने की अपेक्षा कर रहे हैं ताकि आम नागरिकों की जान के साथ खिलवाड़ करने वालों पर रोक लग सके।





