कोडीन सिरप तस्करी पर सख्त रुख: STF जांच, NDPS–गैंगस्टर एक्ट से होगी कार्रवाई, साइबर ठगों के ₹630 करोड़ फ्रीज — केशव प्रसाद मौर्य

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम
विधान परिषद में नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने कोडीन युक्त कफ सिरप (Codeine Based Cough Syrup) के अवैध कारोबार को लेकर सरकार का पक्ष विस्तार से रखा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार युवाओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले तत्वों के खिलाफ (Zero Tolerance Policy) पर पूरी सख्ती से काम कर रही है। अपराधी चाहे देश में हो या विदेश में, उसे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। सरकार की नीति स्पष्ट है कि नशे के कारोबार की जड़ों तक पहुंचकर उसे पूरी तरह समाप्त किया जाएगा।
नेता सदन ने सदन को अवगत कराया कि कोडीन युक्त कफ सिरप की तस्करी और अवैध बिक्री पर प्रभावी रोक लगाने के लिए तीन सदस्यीय एसटीएफ (Special Task Force) का गठन किया गया है। यह टीम पूरे नेटवर्क की गहन जांच करेगी और इस संगठित अपराध (Organized Crime) से जुड़े हर व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल कानून व्यवस्था का नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ी के भविष्य से जुड़ा हुआ है।
केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि औषधि प्रशासन विभाग (Drug Control Department) को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि प्रदेश के सभी मेडिकल स्टोर्स पर कोडीन सिरप के स्टॉक का डिजिटल मिलान (Digital Verification) अनिवार्य रूप से किया जाए। बिना डॉक्टर के पर्चे (Prescription) के यदि किसी मेडिकल स्टोर पर कोडीन युक्त कफ सिरप की बिक्री पाई जाती है, तो संबंधित स्टोर का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दवा के नाम पर जहर बेचने वालों के लिए प्रदेश में कोई स्थान नहीं है।
नेता सदन ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश के रास्ते अन्य राज्यों में हो रही तस्करी को रोकने के लिए पुलिस विभाग को सभी चेकपोस्टों (Check Posts) पर सख्ती बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। सीमावर्ती और संवेदनशील जिलों में विशेष निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि दोषियों के खिलाफ केवल ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट (Drugs and Cosmetics Act) ही नहीं, बल्कि एनडीपीएस एक्ट (NDPS Act) और गैंगस्टर एक्ट (Gangster Act) के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।
केशव प्रसाद मौर्य ने सदन में यह भी कहा कि कोडीन युक्त कफ सिरप से जुड़े कई बड़े होलसेल लाइसेंस वर्ष 2016 में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान जारी किए गए थे। उस समय नियमों की अनदेखी की गई और राजनीतिक संरक्षण में यह काला कारोबार फलता-फूलता रहा। आज उसी का दुष्परिणाम प्रदेश के युवा और बच्चे भुगत रहे हैं। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार (Double Engine Government) अब उस पूरे तंत्र का हिसाब ले रही है और किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा।
साइबर अपराध (Cyber Crime) के खिलाफ कार्रवाई का उल्लेख करते हुए नेता सदन ने बताया कि साइबर ठगों पर आईटी एक्ट (IT Act) के साथ-साथ गैंगस्टर एक्ट और मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) की धाराओं में भी मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। प्रदेश के प्रत्येक मंडल और प्रमुख जिलों में हाई-टेक साइबर पुलिस स्टेशन (Cyber Police Station) स्थापित किए गए हैं। साइबर हेल्पलाइन 1930 को और अधिक सशक्त किया गया है, जिससे ठगी के मामलों में पीड़ितों की धनराशि तत्काल फ्रीज की जा सके।
उन्होंने सदन को जानकारी दी कि अब तक लगभग 630 करोड़ रुपये (₹630 Crore) की धनराशि को विभिन्न बैंक खातों में फ्रीज कराया जा चुका है। इसके साथ ही प्रदेश भर में करीब 90,000 से अधिक संदिग्ध बैंक खातों (Suspicious Bank Accounts) को चिन्हित कर उनके लेन-देन पर रोक लगाई गई है। यह कार्रवाई सरकार की गंभीरता और सख्त नीति को दर्शाती है।
राजनीतिक संदर्भ में केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी के पीडीए (PDA) नारे पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि यह पीडीए पिछड़ों या दलितों के लिए नहीं, बल्कि P (Pariwar) परिवार, D (Development) डेवलपमेंट और A (Agency) एजेंसी है। इस तथाकथित एजेंसी में गुंडे, माफिया और अपराधी शेयरहोल्डर (Stakeholders) के रूप में काम करते हैं। उन्होंने 2012 से 2017 के सपा शासनकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि उस समय पिछड़ों और दलितों के हितों की कोई चिंता नहीं की गई, यह केवल चुनावी भ्रम फैलाने का प्रयास है।
अपने वक्तव्य के अंत में नेता सदन ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का संकल्प (Commitment) “सबका साथ, सबका विकास” है, जबकि समाजवादी पार्टी का उद्देश्य केवल अपने कुनबे का विकास है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि उत्तर प्रदेश सरकार अपराध, नशा और साइबर ठगी के खिलाफ इसी तरह कठोर कार्रवाई करती रहेगी और प्रदेश को सुरक्षित, स्वस्थ और अपराध मुक्त बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करेगी।





