यूपी में वायु प्रदूषण पर सख्ती: UPPCB मुख्यालय में राज्य स्तरीय बैठक, UP-NCR, लखनऊ और कानपुर के लिए व्यापक एक्शन प्लान पर जोर

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम
उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण को लेकर सरकार ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाया है। इसी क्रम में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (UP-NCR), लखनऊ और कानपुर में वायु गुणवत्ता (Air Quality) को बेहतर बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा हेतु उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) के मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण राज्य स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, उत्तर प्रदेश डॉ. अरुण कुमार सक्सेना की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक का मुख्य उद्देश्य वायु प्रदूषण (Air Pollution) के सभी संभावित स्रोतों की पहचान कर उनके प्रभावी नियंत्रण के लिए ठोस, समयबद्ध और समन्वित रणनीति तैयार करना रहा।
बैठक को संबोधित करते हुए माननीय राज्य मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने स्पष्ट किया कि प्रदेशवासियों को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वायु प्रदूषण से जुड़े प्रत्येक कारक पर स्पष्ट (Action Plan) तैयार किया जाए और उसे निर्धारित समयसीमा में प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। मंत्री ने कहा कि जब तक सभी विभाग आपसी समन्वय (Inter-Departmental Coordination) के साथ कार्य नहीं करेंगे, तब तक वायु प्रदूषण पर अपेक्षित नियंत्रण संभव नहीं होगा।
बैठक के दौरान अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि (UP-NCR) क्षेत्र में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए विभिन्न विभागों की कुल 256 प्रवर्तन टीमें (Enforcement Teams) लगातार निरीक्षण और कार्रवाई में लगी हुई हैं। सड़क धूल (Road Dust) को नियंत्रित करने के लिए 58 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन (Mechanical Road Sweeping Machines), 332 वॉटर स्प्रिंकलर (Water Sprinklers) और 358 एंटी-स्मॉग गन (Anti-Smog Guns) का नियमित रूप से उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही लगभग 3460 किलोमीटर सड़कों को पुनर्विकास और सुधार (Road Redevelopment) के लिए चिन्हित किया गया है, ताकि धूल जनित प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी लाई जा सके।
वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण (Vehicular Emission) पर नियंत्रण के लिए सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है। प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ चालान और अन्य वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। सार्वजनिक परिवहन (Public Transport) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ई-बस (E-Bus), सीएनजी बस (CNG Bus) और बीएस-6 मानक (BS-6 Norms) आधारित बसों के संचालन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) के उपयोग को बढ़ाने के लिए ई-व्हीकल चार्जिंग अवसंरचना (EV Charging Infrastructure) को मजबूत करने पर विशेष जोर दिया गया है।
यातायात प्रबंधन को सुगम और प्रभावी बनाने के लिए इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) के क्रियान्वयन पर भी विस्तृत चर्चा हुई। अधिकारियों ने बताया कि बेहतर पार्किंग व्यवस्था (Parking Management) और सुचारु यातायात से भी वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। यह कदम शहरी क्षेत्रों में ट्रैफिक जाम और उससे होने वाले अतिरिक्त उत्सर्जन को कम करने में सहायक सिद्ध होगा।
बैठक में UPPCB के अध्यक्ष डॉ. आर.पी. सिंह ने जानकारी दी कि सभी औद्योगिक इकाइयों को ऑनलाइन कंटीन्यूअस एमिशन मॉनिटरिंग सिस्टम (OCEMS – Online Continuous Emission Monitoring System) लगाने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं। इससे औद्योगिक उत्सर्जन (Industrial Emission) की लगातार निगरानी संभव हो सकेगी और पर्यावरणीय मानकों (Environmental Standards) के उल्लंघन पर त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी।
इसके अतिरिक्त बैठक में लखनऊ और कानपुर सहित UP-NCR क्षेत्र की वायु गुणवत्ता के नवीनतम आंकड़ों (Air Quality Data) की प्रस्तुति दी गई। वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों जैसे सड़क और खुले क्षेत्रों से उड़ने वाली धूल, वाहन उत्सर्जन, औद्योगिक गतिविधियां, निर्माण एवं विध्वंस कार्य (Construction & Demolition), कृषि अवशेष (Crop Residue), नगरीय ठोस अपशिष्ट (Municipal Solid Waste) और बायोमास जलाने (Biomass Burning) पर सख्त नियंत्रण सुनिश्चित करने पर विस्तृत मंथन किया गया। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोर प्रवर्तन कार्रवाई (Strict Enforcement Action) करने पर भी सहमति बनी।
इस उच्चस्तरीय बैठक में प्रमुख सचिव पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग अनिल कुमार, UPPCB के अध्यक्ष डॉ. आर.पी. सिंह और सदस्य सचिव संजीव कुमार सिंह उपस्थित रहे। इसके अलावा कृषि, गृह, परिवहन, लोक निर्माण, आवास एवं शहरी नियोजन तथा नगर विकास विभागों के शासन, मुख्यालय और जनपद स्तर के अधिकारी भी बैठक में शामिल हुए। सभी विभागों ने वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता दोहराई।





