योगी सरकार की बड़ी पहल: निर्माण श्रमिकों के लिए ऑन-साइट निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ, मोबाइल हेल्थ यूनिट रवाना

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम

उत्तर प्रदेश सरकार ने निर्माण श्रमिकों के स्वास्थ्य संरक्षण और सामाजिक सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील पहल की है। पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आज ऑन-साइट निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम (On-Site Free Health Check-up Program) का औपचारिक शुभारम्भ किया गया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत श्रम एवं सेवायोजन, समन्वय विभाग के मंत्री श्री अनिल राजभर ने मोबाइल मेडिकल यूनिट (Mobile Medical Unit) को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। यह मोबाइल हेल्थ यूनिट लखनऊ जनपद के विभिन्न निर्माण स्थलों पर जाकर श्रमिकों को उनके कार्यस्थल पर ही स्वास्थ्य परीक्षण की सुविधा प्रदान करेगी।

यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (BOCW Board) में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिए प्रारम्भ किया गया है, जिससे उन्हें अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इससे श्रमिकों का समय और धन दोनों की बचत सुनिश्चित होगी तथा स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी। शुभारम्भ अवसर पर राज्य मंत्री श्री मनोहर लाल मन्नू कोरी भी उपस्थित रहे, जिन्होंने इस पहल को श्रमिक कल्याण की दिशा में एक सराहनीय कदम बताया।


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रम एवं सेवायोजन, समन्वय मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने श्रमिकों के स्वास्थ्य (Workers Health) के प्रति पूरी तरह संवेदनशील और प्रतिबद्ध है। उन्होंने स्पष्ट किया कि निर्माण श्रमिक प्रदेश के विकास की रीढ़ हैं और उनकी सेहत का संरक्षण सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। मंत्री ने कहा कि मोबाइल मेडिकल यूनिट का उद्देश्य केवल स्वास्थ्य परीक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के कमजोर और श्रमिक वर्गों के प्रति राज्य सरकार की सामाजिक जिम्मेदारी (Social Responsibility) को भी सशक्त करता है। सरकार का यह दृढ़ विश्वास है कि स्वस्थ श्रमिक (Healthy Workers) ही एक सशक्त और समृद्ध प्रदेश की मजबूत आधारशिला होते हैं।

मंत्री राजभर ने जानकारी दी कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अंतर्गत लगभग 1.89 करोड़ निर्माण श्रमिक पंजीकृत हैं, जो प्रदेश की आधारभूत संरचना, आवास, सड़क, पुल और अन्य विकास परियोजनाओं में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। ऐसे में इन श्रमिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।


प्रमुख सचिव, श्रम एवं सेवायोजन विभाग डॉ. एम.के. शन्मुगा शुन्दरम ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना को प्रथम चरण में पायलट प्रोजेक्ट (Pilot Project) के रूप में लागू किया गया है। इस चरण में लगभग 10,000 पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के स्वास्थ्य परीक्षण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह योजना जनपद लखनऊ के 16 प्रमुख निर्माण स्थलों पर संचालित की जा रही है। गोमती नगर विस्तार स्थित शालीमार वन वर्ल्ड (Shalimar One World) से मोबाइल मेडिकल यूनिट का संचालन औपचारिक रूप से प्रारम्भ किया गया है।

उन्होंने बताया कि यह पूरी योजना पार्टनर बैंकों—पंजाब नेशनल बैंक (PNB), केनरा बैंक (Canara Bank), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और इंडियन बैंक (Indian Bank)—की सीएसआर निधि (CSR Fund) के माध्यम से संचालित की जा रही है। इससे यह सुनिश्चित किया गया है कि श्रमिकों को उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराई जा सकें।

मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से निर्माण श्रमिकों को निःशुल्क बेसिक हेल्थ चेक-अप (Basic Health Check-up) के साथ-साथ क्षय रोग (TB), एनीमिया (Anemia), श्वसन रोग (Respiratory Diseases), मधुमेह (Diabetes), उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure), नेत्र परीक्षण (Eye Test), श्रवण परीक्षण (Hearing Test) और मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) सहित लगभग 45 प्रकार की आवश्यक स्वास्थ्य जांच सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। प्रत्येक निर्माण स्थल पर प्रतिदिन न्यूनतम 100 श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण किए जाने का प्रावधान है।


इस कार्यक्रम में विशेष सचिव श्रम एवं सेवायोजन कुणाल शिल्कू एवं निलेश कुमार, सचिव बीओसीडब्ल्यू बोर्ड श्रीमती पूजा यादव, अपर श्रमायुक्त लखनऊ कल्पना श्रीवास्तव सहित बोर्ड के अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे। साथ ही सहभागी बैंकों के प्रबंधक, योलो हेल्थ फाउंडेशन (Yolo Health Foundation) के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में निर्माण श्रमिकों की सहभागिता ने कार्यक्रम को सफल बनाया।

यह पहल न केवल श्रमिकों के स्वास्थ्य सुधार की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी, बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार की श्रमिक हितैषी और कल्याणकारी नीतियों (Worker Welfare Policies) को भी मजबूती प्रदान करेगी।

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