कुंडो का त्योहार मातम में बदला, नाना के घर आए मासूम की पेट में कैंची घुसने से मौत, परिवार में मचा कोहराम

Report By : राहुल मौर्य
रामपुर : जनपद के मसवासी क्षेत्र से एक बेहद दर्दनाक और हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां नाना के घर कुंडो का त्योहार (Kundo Festival) मनाने आए एक मासूम बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई। यह हादसा इतना अचानक और दुखद था कि पूरे परिवार में कोहराम (Chaos) मच गया और त्योहार की खुशियां पल भर में मातम में बदल गईं। बच्चे की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं पूरे मोहल्ले में शोक की लहर दौड़ गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मसवासी नगर के मोहल्ला रजापार्क निवासी अशरफ की पुत्री फरीदा अपने छह वर्षीय पुत्र अरहम (Arham) के साथ मुरादाबाद के भोजपुर पीपलसाना क्षेत्र से अपने मायके आई थी। वह अपने पिता के घर कुंडो का त्योहार मनाने के लिए आई थी। परिवार में त्योहार की तैयारियां चल रही थीं और घर का माहौल खुशियों से भरा हुआ था। लेकिन किसी को अंदेशा नहीं था कि यह त्योहार एक दर्दनाक हादसे में बदल जाएगा।
बताया जा रहा है कि शुक्रवार की सुबह अरहम मोहल्ले के अन्य बच्चों के साथ पास की परचून की दुकान (Grocery Shop) से कुरकुरे की थैली लेकर घर लौटा था। घर पहुंचने के बाद उसने सामान की थैली काटने के लिए घर में रखी कैंची (Scissors) उठा ली और उसे लेकर दौड़ने लगा। इसी दौरान अचानक उसका पैर फिसल गया और वह गिर पड़ा। दुर्भाग्यवश गिरते समय कैंची सीधे उसके पेट में घुस गई, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।

जैसे ही परिजनों की नजर बच्चे के पेट में घुसी कैंची पर पड़ी, घर में चीख-पुकार (Screams) मच गई। परिजन घबरा गए और बिना देर किए बच्चे को इलाज के लिए बाजपुर स्थित एक निजी अस्पताल (Bajpur Hospital) लेकर पहुंचे। अस्पताल में डॉक्टरों ने बच्चे की हालत को गंभीर बताया और तत्काल इलाज शुरू किया। हालांकि, अत्यधिक रक्तस्राव (Excessive Bleeding) और अंदरूनी चोटों के कारण बच्चे की हालत लगातार बिगड़ती चली गई।
परिजनों के अनुसार, अस्पताल में डॉक्टरों ने हर संभव प्रयास किया, लेकिन इलाज के दौरान मासूम अरहम ने दम तोड़ दिया। बच्चे की मौत की खबर मिलते ही परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। मां फरीदा और नाना का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। घर में मौजूद हर व्यक्ति गहरे सदमे (Shock) में चला गया। त्योहार के लिए जुटा परिवार शोक में डूब गया और पूरा माहौल गमगीन हो गया।
बच्चे की असमय मौत से मोहल्ले और आसपास के क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई। लोग परिवार को सांत्वना देने पहुंचे और इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया। परिजनों ने बताया कि अरहम बेहद चंचल और मिलनसार बच्चा था, जिसकी मासूम हरकतों से घर में हमेशा रौनक बनी रहती थी। उसकी अचानक मौत से परिवार की खुशियां उजड़ गईं।
मौत के बाद बच्चे की मां और नाना उसे दफनाने (Burial) के लिए भोजपुर पीपलसाना ले गए, जहां परिजनों और रिश्तेदारों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की गई। अंतिम विदाई के दौरान हर आंख नम थी और माहौल बेहद भावुक हो गया। परिजनों का कहना है कि वे इस सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं और बार-बार मासूम की यादें उन्हें तोड़ रही हैं।
यह घटना बच्चों की सुरक्षा (Child Safety) को लेकर एक गंभीर चेतावनी भी है। विशेषज्ञों का कहना है कि घर में रखे नुकीले और धारदार सामान (Sharp Objects) बच्चों की पहुंच से दूर रखने चाहिए, ताकि इस तरह की दुखद घटनाओं से बचा जा सके। एक छोटी सी लापरवाही ने एक परिवार से उसका चिराग छीन लिया और त्योहार की खुशियों को हमेशा के लिए मातम में बदल दिया।





