सागौन लकड़ी से भरी पिकअप छोड़ने का मामला उजागर, वन विभाग पर सवाल, आरोपी वन दरोगा को बचाने में जुटे अधिकारी

Report By : राहुल मौर्य

मसवासी रामपुर : जनपद रामपुर के मसवासी क्षेत्र में सागौन (Teak Wood) की लकड़ी से भरी पिकअप छोड़ने का मामला इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। आरोप है कि शिकारपुर अंतरराज्य चेकपोस्ट (Inter-State Check Post) पर एक वन दरोगा ने अवैध लकड़ी से लदी पिकअप को जांच के नाम पर रोकने के बाद सांठगांठ कर छोड़ दिया। इस पूरे प्रकरण में वन विभाग (Forest Department) की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं, जबकि अधिकारी इस मामले में खामोशी साधे हुए नजर आ रहे हैं।

मिली जानकारी के अनुसार बीते 18 दिसंबर को उत्तराखंड (Uttarakhand) से स्वार की लकड़ी मंडी (Swar Timber Mandi) की ओर जा रही सागौन की लकड़ी से भरी एक पिकअप को शिकारपुर अंतरराज्य चेकपोस्ट पर रोका गया था। बताया जा रहा है कि इस पिकअप में लदी सागौन की लकड़ी के वैध दस्तावेज (Valid Documents) मौजूद नहीं थे और लकड़ी को अवैध रूप से मंडी तक पहुंचाया जा रहा था। चेकिंग के दौरान यह मामला सामने आने के बावजूद पिकअप को जब्त (Seizure) नहीं किया गया।

स्थानीय सूत्रों का कहना है कि संबंधित वन दरोगा ने पिकअप चालक से कथित रूप से सांठगांठ (Collusion) कर जांच के बहाने मामले को रफा-दफा कर दिया और लकड़ी से भरी पिकअप को आगे जाने दिया। यह घटना जैसे ही क्षेत्र में फैली, लोगों के बीच चर्चा और नाराजगी दोनों देखने को मिलीं। सवाल यह उठ रहा है कि जब स्पष्ट रूप से सागौन जैसी कीमती लकड़ी अवैध रूप से ले जाई जा रही थी, तो फिर वन अधिनियम (Forest Act) के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

चौंकाने वाली बात यह है कि इस पूरे मामले की जानकारी विभागीय उच्च अधिकारियों (Senior Forest Officials) को भी बताई गई, लेकिन इसके बावजूद अब तक संबंधित वन दरोगा के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इससे यह आशंका और गहराती जा रही है कि विभाग अपने ही कर्मचारी को बचाने में जुटा हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो अवैध लकड़ी तस्करी (Illegal Timber Smuggling) को और बढ़ावा मिलेगा।

इधर, मसवासी क्षेत्र के कई गांवों में आम (Mango) और शीशम (Sheesham) जैसे पेड़ों के अवैध कटान (Illegal Tree Cutting) की शिकायतें भी लगातार सामने आ रही हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग की मिलीभगत से यह कटान हो रहा है, क्योंकि सूचना देने के बावजूद मौके पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की जाती। इससे पर्यावरण (Environment) को भारी नुकसान पहुंच रहा है और सरकारी राजस्व (Government Revenue) को भी क्षति हो रही है।

जब इस संबंध में वन क्षेत्र अधिकारी (Forest Range Officer) सुरेश जोशी से बात की गई, तो उन्होंने अवैध कटान के मामलों की जानकारी से इनकार किया। उनका कहना है कि उन्हें इस प्रकार की किसी गतिविधि की सूचना नहीं मिली है। हालांकि, क्षेत्र में लगातार सामने आ रही घटनाएं उनके इस बयान पर भी सवाल खड़े करती हैं।

कुल मिलाकर, सागौन की लकड़ी से भरी पिकअप छोड़ने का यह मामला वन विभाग की कार्यप्रणाली (Working System) और पारदर्शिता (Transparency) पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि उच्च स्तर से इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच (Fair Inquiry) होती है या फिर मामला फाइलों में ही दबकर रह जाता है।

Mukesh Kumar

मुकेश कुमार पिछले 3 वर्ष से पत्रकारिता कर रहे है, इन्होंने सर्वप्रथम हिन्दी दैनिक समाचार पत्र सशक्त प्रदेश, साधना एमपी/सीजी टीवी मीडिया में संवाददाता के पद पर कार्य किया है, वर्तमान में कर्मक्षेत्र टीवी वेबसाईट में न्यूज इनपुट डेस्क पर कार्य कर रहे है !

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