लखनऊ में 71वीं पेंशन अदालत सम्पन्न, मण्डलायुक्त विजय विश्वास पंत ने समयबद्ध निस्तारण के दिए सख्त निर्देश

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम

लखनऊ : मण्डलायुक्त विजय विश्वास पंत (Divisional Commissioner Vijay Vishwas Pant) की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयुक्त सभागार, लखनऊ में 71वीं पेंशन अदालत (71st Pension Adalat) का आयोजन किया गया। इस पेंशन अदालत का मुख्य उद्देश्य सेवानिवृत्त कर्मचारियों एवं उनके आश्रितों से जुड़े पेंशन प्रकरणों का त्वरित, पारदर्शी एवं समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करना रहा। पेंशन अदालत में पेंशनधारकों द्वारा कुल 03 प्रकरण प्रस्तुत किए गए, जिनमें से 01 प्रकरण का निस्तारण मौके पर ही संबंधित अधिकारियों के माध्यम से करा दिया गया, जबकि शेष 02 प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के लिए संबंधित विभागों को आवश्यक निर्देश दिए गए।

मण्डलायुक्त ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि शासन की मंशा (Government Intent) के अनुरूप पेंशन एवं सेवानिवृत्ति देयों (Retirement Benefits) के निस्तारण में किसी भी प्रकार की लापरवाही, विलम्ब अथवा उदासीनता स्वीकार्य नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि पेंशन से जुड़े मामलों में औपचारिकताएँ (Formalities) समयसीमा के भीतर पूर्ण हों, ताकि सेवानिवृत्त कर्मचारियों और उनके परिवारजनों को अनावश्यक परेशानियों का सामना न करना पड़े।

पेंशन अदालत के प्रथम प्रकरण में कु. प्रिया यादव, दत्तक पुत्री स्वर्गीय राजाराम, सेवानिवृत्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, संयुक्त कृषि निदेशक, प्रसार शिक्षा एवं प्रशिक्षण ब्यूरो, लखनऊ से संबंधित मामला प्रस्तुत किया गया। यह प्रकरण पारिवारिक पेंशन (Family Pension) अनुमन्य किए जाने से जुड़ा था। विभागीय अभिलेखों के अनुसार, स्वर्गीय राजाराम 31 जनवरी 2008 को सेवा निवृत्त हुए थे तथा इसके पश्चात 22 फरवरी 2008 को प्रिया यादव को गोद लिया गया और 20 अगस्त 2008 को गोदनामा पंजीकृत कराया गया। शासनादेश के प्रावधानों के अनुसार सेवानिवृत्ति से पूर्व वैध रूप से गोद ली गई संतान ही पारिवारिक पेंशन की पात्र होती है। इस आधार पर मण्डलायुक्त द्वारा उक्त प्रकरण को नियमानुसार निक्षेपित (Disposed) किया गया।

द्वितीय प्रकरण महेश चन्द्र गुप्ता, सेवानिवृत्त सहायक अभियंता (Retired Assistant Engineer) से संबंधित था, जिसमें नियमित पेंशन स्वीकृत कराने एवं अधिक काटी गई धनराशि की वसूली का मुद्दा शामिल था। इस संबंध में अधिशासी अभियंता, नलकूप खण्ड-2, सीतापुर को निर्देशित किया गया कि विभागीय प्रशासनिक आदेशों के अनुसार जो भी वसूली बनती हो, उसका स्पष्ट विवरण देते हुए प्राथमिकता के आधार पर अपर निदेशक, कोषागार एवं पेंशन, लखनऊ मण्डल को पेंशन स्वीकृति हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया जाए।

तृतीय प्रकरण आशुतोष सक्सेना, विकलांग पुत्र स्वर्गीय कृष्ण बहादुर सक्सेना से संबंधित पारिवारिक पेंशन स्वीकृति का था। इस मामले में समय से प्रस्ताव न भेजे जाने पर मण्डलायुक्त ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने निर्देश दिए कि अनावश्यक रूप से विधिक संरक्षक प्रमाण पत्र (Legal Guardian Certificate) की मांग करने के लिए संबंधित तत्कालीन सहायक लेखाधिकारी के विरुद्ध कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया जाए। साथ ही आयुक्त, राज्य कर मुख्यालय, उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधि को निर्देशित किया गया कि प्राथमिकता के आधार पर पेंशन स्वीकृति का प्रस्ताव पेंशन स्वीकर्ता अधिकारी को प्रेषित किया जाए।

मण्डलायुक्त ने अपर निदेशक, कोषागार एवं पेंशन को यह भी निर्देश दिए कि मण्डल के अंतर्गत विकास, राजस्व, बेसिक शिक्षा सहित सभी प्रमुख विभागों से सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को पेंशन का नियमित लाभ मिल रहा है या नहीं, इसकी विस्तृत समीक्षा (Review) की जाए। इसके साथ ही विगत एक वित्तीय वर्ष से लंबित पेंशन प्रकरणों की समीक्षा कर शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।

बैठक में अपर निदेशक कोषागार एवं पेंशन विवेक कुमार सिंह, संयुक्त निदेशक  कुलदीप सरोज, उप निदेशक  गोपाल स्वरूप, सहायक लेखा अधिकारी आर.के. सिंह सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

Mukesh Kumar

मुकेश कुमार पिछले 3 वर्ष से पत्रकारिता कर रहे है, इन्होंने सर्वप्रथम हिन्दी दैनिक समाचार पत्र सशक्त प्रदेश, साधना एमपी/सीजी टीवी मीडिया में संवाददाता के पद पर कार्य किया है, वर्तमान में कर्मक्षेत्र टीवी वेबसाईट में न्यूज इनपुट डेस्क पर कार्य कर रहे है !

Related Articles

Back to top button