दुधवा-गौरीफंटा एसी बस सेवा का विस्तार, इको-टूरिज्म को मिलेगा नया आयाम जयवीर सिंह

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में प्रकृति आधारित पर्यटन (Nature Based Tourism) को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए दुधवा-गौरीफंटा बस सेवा (Dudhwa–Gauriphanta Bus Service) का विस्तार किया गया है। यह जानकारी 26 दिसंबर 2025 को सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा जारी की गई। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने बताया कि लखनऊ के कैसरबाग बस स्टेशन (Kaiserbagh Bus Station) से संचालित विशेष एसी 2×2 बस सेवा को अब दुधवा से आगे अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट स्थित गौरीफंटा तक बढ़ा दिया गया है, जिससे प्राकृतिक पर्यटन (Eco Tourism) को नई गति मिलेगी।

दुधवा राष्ट्रीय उद्यान (Dudhwa National Park) इन दिनों पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। हाल ही में यहां जन्मे एक सींग वाले गैंडे (One Horned Rhino) के शावक ने सैलानियों की रुचि को और अधिक बढ़ा दिया है। बच्चों से लेकर बड़ों तक, सभी में दुधवा आने की उत्सुकता बढ़ी है। ठंड के मौसम में यहां बाघ (Tiger), गैंडा (Rhino), हाथी (Elephant), हिरण (Deer), बारहसिंगा (Swamp Deer) और तेंदुए (Leopard) जैसे दुर्लभ वन्यजीवों को देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं।

पहले यह एसी बस सेवा केवल दुधवा तक सीमित थी और मुख्य रूप से नेचर व वाइल्डलाइफ प्रेमियों (Nature & Wildlife Lovers) के लिए संचालित होती थी। अब पर्यटकों की बढ़ती मांग और बेहतर कनेक्टिविटी (Better Connectivity) को ध्यान में रखते हुए इसे गौरीफंटा तक विस्तारित किया गया है। नई व्यवस्था के तहत बस सुबह 8:00 बजे कैसरबाग से प्रस्थान कर दोपहर 2:00 बजे गौरीफंटा पहुंचेगी। वापसी में बस 2:30 बजे गौरीफंटा से चलकर 3:00 बजे दुधवा पहुंचेगी और फिर 3:30 बजे दुधवा से लखनऊ के लिए रवाना होकर रात 9:00 बजे कैसरबाग पहुंचेगी।

इस विस्तारित सेवा के साथ किराया भी निर्धारित किया गया है। लखनऊ से दुधवा तक का किराया ₹487 और लखनऊ से गौरीफंटा तक ₹536 तय किया गया है। विभाग का मानना है कि इस पहल से दुधवा, कतर्नियाघाट (Katarniaghat) और गौरीफंटा क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों को यात्रा में काफी सुविधा मिलेगी और पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि यूपीएसआरटीसी (UPSRTC) की यह पहल उत्तर प्रदेश इको-टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड (UP Eco Tourism Development Board) की दूरदृष्टि और वन विभाग (Forest Department) के सहयोग का परिणाम है। उन्होंने बताया कि तराई क्षेत्र (Terai Region) जैव विविधता (Biodiversity) से भरपूर है और बस सेवा के विस्तार से अब पर्यटक दुधवा के साथ-साथ गौरीफंटा और आसपास के प्राकृतिक क्षेत्रों का भी अनुभव कर सकेंगे, जो शोधकर्ताओं (Researchers), छात्रों (Students) और प्रकृति प्रेमियों के लिए बेहद उपयोगी होगा।

दुधवा टाइगर रिजर्व (Dudhwa Tiger Reserve) के फील्ड डायरेक्टर एच. राजामोहन ने बताया कि ठंड के मौसम में दुधवा में पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होती है। यहां के घने साल के जंगल (Sal Forest), घास के मैदान (Grasslands) और दलदली क्षेत्र (Wetlands) इसे भारत के समृद्ध प्राकृतिक आवासों में शामिल करते हैं। कतर्नियाघाट वाइल्डलाइफ सेंचुरी (Katarniaghat Wildlife Sanctuary) भी अपनी अनोखी पारिस्थितिकी और दुर्लभ जीव-जंतुओं के लिए प्रसिद्ध है।

हाल ही में दुधवा टाइगर रिजर्व में वन विभाग और विशेषज्ञों की टीम ने तीन दिवसीय अभियान के तहत दो गैंडों के गले से रेडियो कॉलर (Radio Collar) हटाए हैं, जिससे वे अब स्वतंत्र रूप से जंगल में विचरण कर सकेंगे। यह कदम वन्यजीव संरक्षण (Wildlife Conservation) की दिशा में एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।

नई बस सेवा से अब पर्यटक दुधवा से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित गौरीफंटा तक आसानी से पहुंच सकेंगे। यह क्षेत्र बर्ड वॉचर्स (Bird Watchers) और प्रकृति प्रेमियों के लिए उभरता हुआ केंद्र बन रहा है। विभाग का मानना है कि इस विस्तार से सीमावर्ती जंगलों, वेटलैंड्स और दुर्लभ प्रजातियों की खोज व संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।

Mukesh Kumar

मुकेश कुमार पिछले 3 वर्ष से पत्रकारिता कर रहे है, इन्होंने सर्वप्रथम हिन्दी दैनिक समाचार पत्र सशक्त प्रदेश, साधना एमपी/सीजी टीवी मीडिया में संवाददाता के पद पर कार्य किया है, वर्तमान में कर्मक्षेत्र टीवी वेबसाईट में न्यूज इनपुट डेस्क पर कार्य कर रहे है !

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