साल का आखिरी रविवार, दुर्गाष्टमी और दो शुभ योग—लेकिन पंचक ने बढ़ाई सतर्कता

दुर्गाष्टमी और रविवार के पावन संयोग मे बने सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग, जहा पूजा से संकट दूर होने की मान्यता है, वही पंचक पूरे दिन सावधानी बरतने का संकेत दे रहा हैं

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम

नया साल शुरू होने से पहले साल का आखिरी रविवार धार्मिक दृष्टि से बेहद खास बन गया है। एक ओर जहां आज मासिक दुर्गाष्टमी (Monthly Durga Ashtami), रविवार (Sunday) और दो अत्यंत शुभ योगों का महासंयोग बना है, वहीं दूसरी ओर पूरे दिन पंचक (Panchak) का प्रभाव भी बना हुआ है, जो लोगों को सतर्क रहने का संकेत देता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह दिन आस्था, संयम और विवेक के साथ आगे बढ़ने का संदेश देता है।

धार्मिक पंचांग (Hindu Panchang) के अनुसार, आज सर्वार्थ सिद्धि योग (Sarvarth Siddhi Yog) और रवि योग (Ravi Yog) का निर्माण हो रहा है। इन दोनों योगों को अत्यंत फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि इन योगों में की गई पूजा-अर्चना से सूर्य दोष (Surya Dosh), मानसिक तनाव और लंबे समय से चली आ रही बाधाओं से राहत मिलती है। खास बात यह है कि रविवार का दिन सूर्यदेव (Sun God) को समर्पित होता है, जिससे इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है।

आज की मासिक दुर्गाष्टमी को शक्ति उपासना (Shakti Worship) का विशेष दिन माना जाता है। इस तिथि पर मां दुर्गा की आराधना करने से साहस, आत्मविश्वास और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा मिलती है। कई श्रद्धालु आज व्रत (Fast) रखकर मां दुर्गा के मंदिरों में दर्शन-पूजन कर रहे हैं। माना जाता है कि दुर्गाष्टमी पर मां को लाल फूल, चुनरी और प्रसाद अर्पित करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्यों में सफलता की संभावना अधिक रहती है, जबकि रवि योग नेतृत्व क्षमता (Leadership Ability) और आत्मबल को मजबूत करता है। यही कारण है कि यह दिन आध्यात्मिक दृष्टि से बेहद प्रभावशाली माना जा रहा है।

हालांकि, इन शुभ योगों के साथ-साथ आज पूरे दिन पंचक का साया भी बना हुआ है। पंचक को ज्योतिष शास्त्र में एक संवेदनशील समय (Sensitive Period) माना जाता है। इस दौरान नए कार्यों की शुरुआत, शुभ यात्रा (Auspicious Travel), गृह प्रवेश, खरीद-फरोख्त जैसे कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है।

आज पश्चिम दिशा (West Direction) में दिशाशूल (Disha Shool) भी बताया गया है। ऐसे में यदि अत्यंत आवश्यक न हो तो यात्रा टालना ही बेहतर माना जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि पंचक के दौरान की गई लापरवाही नुकसान या मानसिक तनाव का कारण बन सकती है, इसलिए सावधानी और धैर्य आवश्यक है।

सूर्य पूजा (Surya Puja) को आज विशेष फलदायी माना गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, तांबे के लोटे में जल, गुड़ और लाल फूल डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य देने से यश, कीर्ति और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। साथ ही यह उपाय सरकारी कार्यों (Government Works), मान-सम्मान और करियर में आ रही बाधाओं को दूर करने में सहायक माना जाता है।

धार्मिक जानकारों का कहना है कि आज का दिन संतुलन (Balance) का प्रतीक है। जहां एक ओर शुभ योग पूजा और साधना के लिए श्रेष्ठ हैं, वहीं पंचक यह सिखाता है कि हर निर्णय सोच-समझकर लिया जाए। ऐसे में जो लोग नया कार्य शुरू नहीं कर पा रहे हैं, वे आत्मचिंतन, ध्यान (Meditation) और पारिवारिक समय में इस दिन का सदुपयोग कर सकते हैं।

साल के अंतिम रविवार पर यह खगोलीय और धार्मिक संयोग लोगों को अपने बीते वर्ष की समीक्षा करने और आने वाले वर्ष के लिए सकारात्मक संकल्प (Positive Resolution) लेने का अवसर भी देता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, आज किया गया दान-पुण्य (Charity) और जप-तप मानसिक शांति प्रदान करता है।

  • कुल मिलाकर, आज का दिन आस्था और सतर्कता का अनोखा संगम है। शुभ योग जहां पूजा-उपासना के लिए प्रेरित करते हैं, वहीं पंचक विवेक और संयम बनाए रखने का संकेत देता है। धार्मिक मान्यताओं में विश्वास रखने वाले लोगों के लिए यह दिन विशेष महत्व रखता है, बशर्ते वे शुभ-अशुभ समय का ध्यान रखें।

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