देशभर में यूपी मॉडल की गूंज, कानून का राज बना प्रदेश की सबसे बड़ी ताकत पुलिस मंथन 2025 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कानून का राज (Rule of Law) ही वह मजबूत आधार है, जिसने आम नागरिकों के मन से असुरक्षा का भाव समाप्त किया और प्रदेश में विश्वास का वातावरण तैयार किया है। सुरक्षा और कानून व्यवस्था (Law & Order) की मजबूती के कारण ही उत्तर प्रदेश आज निवेश का ड्रीम डेस्टिनेशन (Dream Destination for Investment) बन चुका है। यह बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने रविवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित “पुलिस मंथन” वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन-2025 (Police Manthan Senior Officers Conference 2025) के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में कानून का राज विश्वास पैदा करता है और यही विश्वास लोकतांत्रिक व्यवस्था (Democracy) को मजबूत करता है। उन्होंने यूपी पुलिस की सराहना करते हुए कहा कि आज देशभर में यूपी मॉडल (UP Model) की चर्चा हो रही है। कानून व्यवस्था में आए व्यापक सुधार का ही परिणाम है कि प्रदेश की छवि बदली है और लोग खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पुलिस मंथन जैसे अभिनव प्रयास के लिए पुलिस महानिदेशक (DGP) और उनकी पूरी टीम को बधाई दी। इस अवसर पर पदक अलंकरण समारोह (Medal Decoration Ceremony) में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को सम्मानित भी किया गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में संवाद (Dialogue) को पुलिसिंग का अहम हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि ह्यूमन इंटेलिजेंस (Human Intelligence) पुलिस का सबसे बड़ा हथियार है। थानाध्यक्ष, हल्का दरोगा, सर्किल इंचार्ज से लेकर जिले, रेंज और जोन स्तर तक के अधिकारियों को समाज के हर वर्ग से निरंतर संवाद बनाए रखना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनप्रतिनिधि (Public Representatives) एक महत्वपूर्ण कड़ी होते हैं। अधिकारियों को चाहिए कि वे महीने में कम से कम एक बार जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करें, उनकी बात सुनें और वास्तविक स्थिति से उन्हें अवगत कराएं।

सीएम ने कहा कि केवल त्योहारों के समय पीस कमेटी (Peace Committee) की बैठक करना पर्याप्त नहीं है। समाज के अलग-अलग वर्गों जैसे धर्माचार्य (Religious Leaders), उद्यमी (Entrepreneurs) और व्यापारी (Traders) से भी नियमित संवाद होना चाहिए। इससे जमीनी हकीकत (Ground Reality) सामने आती है। उन्होंने दो टूक कहा कि केवल मुख्यालय में बैठकर पुलिसिंग नहीं हो सकती।

मुख्यमंत्री ने थाना, सर्किल और पुलिस लाइन (Police Line) के बीच बेहतर समन्वय (Coordination) पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जब कोई घटना घटित होती है तो थानाध्यक्ष को ही जवाबदेह ठहराया जाता है, जबकि सर्किल और अन्य स्तरों की भूमिका भी उतनी ही महत्वपूर्ण होती है। यदि इन तीनों स्तरों में बेहतर तालमेल हो जाए, तो सुरक्षा व्यवस्था और अधिक मजबूत हो सकती है। उन्होंने कहा कि पुलिस बल का दोस्ताना व्यवहार (Friendly Behaviour) और संवेदनशीलता (Sensitivity) आमजन की समस्याओं के समाधान में सहायक होती है और इससे पुलिस की छवि भी बेहतर बनती है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि सरकार ने पुलिस को कार्य करने की पूरी स्वतंत्रता (Operational Freedom) दी है और राजनीतिक हस्तक्षेप को न्यूनतम रखा गया है, ताकि पुलिस निष्पक्ष और प्रभावी ढंग से काम कर सके। उन्होंने कहा कि पहले पुलिस अधिकारियों का बार-बार स्थानांतरण (Frequent Transfers) होता था, जिससे व्यवस्था प्रभावित होती थी, लेकिन अब औसतन दो वर्ष की स्थिरता (Stability) दी जा रही है, ताकि अधिकारी क्षेत्र की सामाजिक और भौगोलिक परिस्थितियों को समझ सकें।

सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा दिए गए ‘स्मार्ट पुलिस’ (Smart Police) के विजन का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि स्टिक एंड सेंसिटिव (Strict & Sensitive), मॉडर्न एंड मोबाइल (Modern & Mobile), अलर्ट एंड अकाउंटेबल (Alert & Accountable), रिलायबल एंड रिस्पांसिव (Reliable & Responsive) तथा टेक्नोसेवी एंड ट्रेंड (Tech-Savvy & Trained) जैसे सूत्र भविष्य की चुनौतियों से निपटने का मार्गदर्शन करते हैं। पुलिस अधिकारियों को इन सिद्धांतों को अपने आचरण और कार्यशैली का हिस्सा बनाना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘जनता दर्शन’ (Janta Darshan) के माध्यम से उन्हें जमीनी सच्चाई का पता चलता है। फरियादियों की पीड़ा और उनके प्रार्थना पत्र ह्यूमन इंटेलिजेंस का अहम स्रोत होते हैं। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से अपील की कि बदलती चुनौतियों के अनुरूप खुद को लगातार अपडेट रखें और समय रहते निर्णय लें।

समापन अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि “पुलिस मंथन” केवल विचार-विमर्श का मंच नहीं, बल्कि भविष्य की रणनीति (Future Strategy) तय करने वाला एक मजबूत आधार है। इसमें 11 सत्रों और 55 वक्ताओं के विचार आने वाले समय में यूपी पुलिस की कार्ययोजना का महत्वपूर्ण दस्तावेज बनेंगे। इस दौरान पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्णा, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

Mukesh Kumar

मुकेश कुमार पिछले 3 वर्ष से पत्रकारिता कर रहे है, इन्होंने सर्वप्रथम हिन्दी दैनिक समाचार पत्र सशक्त प्रदेश, साधना एमपी/सीजी टीवी मीडिया में संवाददाता के पद पर कार्य किया है, वर्तमान में कर्मक्षेत्र टीवी वेबसाईट में न्यूज इनपुट डेस्क पर कार्य कर रहे है !

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