पुलिस मंथन 2025 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त संदेश, साइबर अपराध, आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय धर्मांतरण रैकेट पर जीरो टॉलरेंस की नीति

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘पुलिस मंथन’ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन–2025 (Police Manthan Senior Police Officers Conference 2025) के समापन सत्र में प्रदेश की कानून-व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने के लिए सख्त निर्देश दिए। रविवार को आयोजित इस समापन सत्र में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि बदलते दौर में अपराध के स्वरूप भी बदल रहे हैं, ऐसे में पुलिस और इंटेलिजेंस तंत्र (Intelligence System) को तकनीक आधारित और अधिक सतर्क बनाना समय की आवश्यकता है। उन्होंने सोशल मीडिया (Social Media) और साइबर अपराध (Cyber Crime) के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने पर विशेष जोर दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाए जा रहे दुष्प्रचार, अफवाहों, डीपफेक (Deepfake), डार्कवेब (Dark Web) और साइबर अपराधों से कानून-व्यवस्था, सामाजिक सौहार्द और राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है। उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे किसी भी आपत्तिजनक कंटेंट पर तत्काल संज्ञान लिया जाए और त्वरित एवं कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जाति या धर्म के नाम पर समाज को बांटने वाले तत्वों के खिलाफ किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय अनुदानित धर्मांतरण रैकेट (International Funded Conversion Racket) को प्रदेश के लिए गंभीर चुनौती बताते हुए कहा कि ऐसे संगठित अपराधों को जड़ से समाप्त करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence – AI), वित्तीय ट्रेल (Financial Trail) और तकनीकी विश्लेषण का प्रभावी उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि कुछ संगठन विदेशी फंडिंग के माध्यम से प्रदेश में अशांति फैलाने का प्रयास कर रहे हैं, जिन्हें समय रहते चिन्हित कर उनके पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करना जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने धार्मिक उन्माद (Religious Provocation) और जातीय विद्वेष (Caste-Based Hatred) फैलाने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश देते हुए कहा कि पुलिस को निष्पक्ष, निर्भीक और संवेदनशील रहते हुए कानून का पालन कराना होगा। उन्होंने कहा कि महापुरुषों के नाम का दुरुपयोग कर नए-नए संगठन बनाकर अराजकता फैलाने वाले असामाजिक तत्वों की गहन जांच की जाए और उनके खिलाफ विधिसम्मत कठोर कार्रवाई की जाए।

सीमा सुरक्षा (Border Security) और आतंकवाद निरोधक तंत्र (Anti-Terrorism Mechanism) को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से लगी सीमाओं के कारण प्रदेश में आतंकी गतिविधियों और नशीले पदार्थों की तस्करी (Drug Trafficking) की आशंका बनी रहती है। उन्होंने निर्देश दिए कि सीमा निगरानी को तकनीकी रूप से और सुदृढ़ किया जाए तथा सुरक्षा एजेंसियों के बीच रियल-टाइम सूचना साझा (Real-Time Information Sharing) कर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नशीले पदार्थों की तस्करी, गो-तस्करी (Cattle Smuggling) और संगठित अपराध (Organized Crime) के विरुद्ध पुलिस द्वारा अब तक की गई कार्रवाई की सराहना की, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि इन अपराधों के केवल छोटे स्तर के आरोपियों को पकड़ना पर्याप्त नहीं है। पूरे नेटवर्क और उनके मास्टरमाइंड (Mastermind) को चिन्हित कर निर्णायक प्रहार किया जाए, ताकि अपराधियों का मनोबल पूरी तरह टूट सके।
पुलिस मंथन कार्यक्रम के दूसरे दिन विभिन्न सत्रों में आपदा प्रबंधन (Disaster Management), सिविल डिफेंस एवं होम गार्ड्स (Civil Defence and Home Guards), विशाल जनसमूह प्रबंधन (Large Crowd Management), खुफिया तंत्र एवं उभरती चुनौतियां (Intelligence and Emerging Challenges), आतंकवाद-रोधी रणनीति (Anti-Terror Strategy), मादक पदार्थ, गो-तस्करी और अन्य संगठित अपराधों पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया गया। इन सत्रों के माध्यम से पुलिस अधिकारियों को बदलती चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीतिक दिशा प्रदान की गई।
समापन सत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश को सुरक्षित, शांत और समृद्ध बनाए रखने के लिए पुलिस की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। तकनीक, इंटेलिजेंस और प्रशासनिक समन्वय के माध्यम से यदि समयबद्ध और सख्त कार्रवाई की जाए, तो प्रदेश में कानून-व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जा सकता है।





