दुनिया में भगवान राम से बड़ा कोई नहीं—हनुमान सुपरहीरोज़ से भी शक्तिशाली: चंद्रबाबू नायडू
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू का बड़ा बयान, भारतीय महाकाव्यों की तुलना हॉलीवुड सुपरहीरोज़ से

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा को लेकर एक सशक्त बयान दिया है। उन्होंने कहा कि दुनिया में भगवान श्रीराम से बड़ा कोई नहीं हो सकता, और भगवान हनुमान की शक्ति सुपरमैन और स्पाइडर-मैन जैसे काल्पनिक सुपरहीरोज़ से कहीं अधिक है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि आयरनमैन और बैटमैन जैसे किरदारों की तुलना में हनुमान जी एक श्रेष्ठ और आदर्श योद्धा हैं।
मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि भारतीय महाकाव्य रामायण (Ramayana) और महाभारत (Mahabharata) में वर्णित कथाएं आज की लोकप्रिय हॉलीवुड फिल्मों और Avatar जैसी फंतासी मूवीज़ से कहीं अधिक गहराई, दर्शन और नैतिक मूल्यों से भरपूर हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये ग्रंथ केवल धार्मिक कथाएं नहीं, बल्कि life values, leadership, sacrifice और duty का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।
भारतीय संस्कृति की वैश्विक ताकत
चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि पश्चिमी दुनिया ने सुपरहीरोज़ की कल्पना फिल्मों के माध्यम से की है, जबकि भारत में हजारों साल पहले ही ऐसे आदर्श चरित्र मौजूद थे, जो असली जीवन के लिए प्रेरणा देते हैं। हनुमान जी की शक्ति, बुद्धि, निष्ठा और सेवा भाव उन्हें किसी भी fictional character से ऊपर स्थापित करता है।
उन्होंने कहा, “हनुमान जी केवल ताकत के प्रतीक नहीं हैं, बल्कि वे भक्ति (Devotion), अनुशासन (Discipline) और कर्तव्य (Duty) का सर्वोच्च उदाहरण हैं। यही कारण है कि आज भी करोड़ों लोग उनसे प्रेरणा लेते हैं।”
युवाओं से भारतीय ग्रंथों को समझने की अपील
मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपील की कि वे केवल विदेशी फिल्मों और किरदारों तक सीमित न रहें, बल्कि भारतीय ग्रंथों, इतिहास और संस्कृति को पढ़ें और समझें। उन्होंने कहा कि अगर रामायण और महाभारत को आधुनिक तरीके से प्रस्तुत किया जाए, तो वे दुनिया की सबसे प्रभावशाली कहानियों में शामिल हो सकती हैं।
सांस्कृतिक गौरव का संदेश
- नायडू का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत अपनी cultural identity और heritage को वैश्विक मंच पर मजबूती से प्रस्तुत कर रहा है। उनका यह कथन न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि भारतीय सभ्यता की बौद्धिक और नैतिक श्रेष्ठता को भी रेखांकित करता है।





