सीएम योगी के नेतृत्व में पिछड़ा वर्ग कल्याण ने लिखी विकास और विश्वास की नई इबारत

शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा और डिजिटल सशक्तिकरण पर केंद्रित कल्याणकारी नीतियों के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछड़ा वर्ग तक अंतिम पायदान तक लाभ, डीबीटी से पारदर्शिता और समावेशी विकास सुनिश्चित

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सशक्त और दूरदर्शी नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2025 में पिछड़ा वर्ग (Backward Class) कल्याण को एक नई पहचान और ठोस दिशा दी है। शिक्षा (Education), सामाजिक सुरक्षा (Social Security) और डिजिटल सशक्तिकरण (Digital Empowerment) जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सरकार की योजनाएं न केवल निरंतर आगे बढ़ीं, बल्कि अपने परिणामों के कारण राज्य के सामाजिक ढांचे में सकारात्मक बदलाव की मजबूत नींव भी बनीं। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के आधिकारिक आंकड़े यह प्रमाणित करते हैं कि योगी सरकार की नीति-आधारित (Policy Driven) और परिणाम-केंद्रित (Result Oriented) कार्यशैली समाज के अंतिम पायदान तक प्रभावी रूप से पहुंच रही है।

योगी सरकार के लिए कल्याणकारी योजनाएं केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि इन्हें आत्मनिर्भरता (Self-Reliance), सम्मान (Dignity) और अवसरों के विस्तार (Opportunity Expansion) का सशक्त माध्यम बनाया गया। Last Mile Delivery की अवधारणा को केंद्र में रखते हुए योजनाओं का लाभ सीधे पात्र लाभार्थियों तक पहुंचाया गया। Direct Benefit Transfer (DBT) के व्यापक उपयोग ने पारदर्शिता (Transparency) को मजबूत किया और भ्रष्टाचार (Corruption) की संभावनाओं को काफी हद तक समाप्त कर दिया, जिससे सरकारी संसाधनों का सही उपयोग सुनिश्चित हो सका।

शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का सबसे प्रभावी हथियार मानते हुए योगी सरकार ने पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति (Scholarship) और शुल्क प्रतिपूर्ति (Fee Reimbursement) योजनाओं को अभूतपूर्व विस्तार दिया। वर्ष 2025–26 में पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना के तहत 6 लाख 90 हजार 349 छात्रों को 147.75 करोड़ रुपये की सहायता दी गई, जबकि दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना से 5 लाख 85 हजार 954 विद्यार्थियों को 175.54 करोड़ रुपये का लाभ मिला। इस प्रकार एक ही वर्ष में 12 लाख 76 हजार से अधिक छात्रों को 323.29 करोड़ रुपये की सीधी आर्थिक मदद प्रदान की गई, जिसने शिक्षा के क्षेत्र में समान अवसर (Equal Opportunity) की अवधारणा को मजबूती दी।

पिछले नौ वर्षों की बात करें तो योगी सरकार ने शिक्षा को सामाजिक सशक्तिकरण (Social Empowerment) का आधार बनाते हुए 2 करोड़ 20 लाख से अधिक छात्रों को 13,858.62 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध कराई है। यह निवेश केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे लाखों परिवारों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में स्थायी सुधार आया है। शिक्षा के माध्यम से पिछड़ा वर्ग का छात्र आत्मविश्वास के साथ प्रतियोगी वातावरण (Competitive Environment) में आगे बढ़ रहा है, जो राज्य के मानव संसाधन विकास (Human Resource Development) के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में योगी सरकार की संवेदनशीलता शादी अनुदान योजना (Marriage Grant Scheme) के माध्यम से स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। वर्ष 2025–26 में 23 दिसंबर 2025 तक पिछड़ा वर्ग की 72 हजार 296 बेटियों को 144.59 करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया गया। इससे पूर्व भी इस योजना का दायरा लगातार बढ़ता रहा है और 2019–20 तथा 2024–25 में एक-एक लाख बेटियों को 200-200 करोड़ रुपये की सहायता दी गई। नौ वर्षों में कुल 6 लाख 47 हजार 863 लाभार्थियों को 1,295.72 करोड़ रुपये का सहयोग प्रदान किया जाना सरकार की Women-Centric Welfare Policy का ठोस प्रमाण है।

यह योजना शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक रूप से कमजोर अन्य पिछड़े वर्ग (OBC) परिवारों की बेटियों को विवाह के समय सामाजिक सुरक्षा (Social Security) और सम्मान (Social Dignity) प्रदान करती है। आय सीमा और आयु संबंधी स्पष्ट प्रावधानों के साथ यह योजना पारदर्शी और उद्देश्यपूर्ण तरीके से लागू की जा रही है, जिससे वास्तविक जरूरतमंद परिवारों को इसका सीधा लाभ मिल रहा है।

डिजिटल युग की जरूरतों को समझते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं को कौशलयुक्त (Skilled) और रोजगारोन्मुखी (Employable) बनाने पर विशेष जोर दिया। कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना (Computer Training Scheme) के माध्यम से वर्ष 2025–26 में अब तक 22 हजार 392 युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जिस पर 19.18 करोड़ रुपये व्यय किए गए। यह आंकड़ा दर्शाता है कि सरकार युवाओं को केवल सहायता नहीं, बल्कि स्थायी रोजगार के लिए तैयार कर रही है।

पिछले नौ वर्षों में इस योजना के अंतर्गत 1 लाख 62 हजार से अधिक युवाओं को 154.56 करोड़ रुपये की लागत से डिजिटल रूप से प्रशिक्षित किया गया। O Level और CCC जैसे प्रमाणपत्र पाठ्यक्रमों के माध्यम से युवा न केवल सरकारी और निजी क्षेत्र में रोजगार पाने में सक्षम हो रहे हैं, बल्कि स्वरोजगार (Self Employment) के नए अवसर भी तलाश पा रहे हैं। इससे राज्य में Digital Workforce का निर्माण हो रहा है, जो भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत आधार है।

इन सभी योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन DBT Mode के माध्यम से किया गया, जिससे प्रशासनिक दक्षता (Administrative Efficiency) में वृद्धि हुई और लाभार्थियों का विश्वास सरकार पर और मजबूत हुआ। योगी सरकार की Good Governance Model ने यह साबित कर दिया है कि पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ कल्याणकारी योजनाएं लागू की जाएं तो सामाजिक बदलाव को तेज गति दी जा सकती है।

कुल मिलाकर वर्ष 2025 उत्तर प्रदेश के लिए सामाजिक न्याय (Social Justice) और समावेशी विकास (Inclusive Development) की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है। पिछड़ा वर्ग कल्याण की ये योजनाएं यह संदेश देती हैं कि मजबूत नेतृत्व, स्पष्ट नीति और ईमानदार क्रियान्वयन के माध्यम से समाज के हर वर्ग को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सकता है।

Akash Yadav

आकाश यादव पिछले 9 सालों से पत्रकारिता कर रहे है, इन्होंने हिन्दी दैनिक अखबार अमरेश दर्पण से पत्रकारिता की शुरुआत की, इसके उपरांत टीवी मीडिया के ओर रुख मोड लिया, सबसे पहले सुदर्शन न्यूज, नेशन लाइव, ओके इंडिया, साधना एमपी/सीजी और बतौर लखनऊ ब्यूरो खबरें अभी तक न्यूज चैनल में कार्य करने के साथ सद्मार्ग साक्षी दैनिक अखबार में सहायक संपादक और कर्मक्षेत्र टीवी में बतौर संपादक कार्य कर रहे है !

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