योगी सरकार मिशन शक्ति केंद्रों को करेगी और सशक्त, महिला सुरक्षा को मिलेगा नया बल
महिला सुरक्षा और स्वावलंबन को और मजबूत करने की दिशा में योगी सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। मिशन शक्ति 5.0 के तहत स्थापित 1600 मिशन शक्ति केंद्रों को दो पहिया वाहन और मोबाइल हैंडसेट से लैस करने की तैयारी है, जिससे महिला अपराधों पर त्वरित कार्रवाई और रियल टाइम मॉनिटरिंग संभव हो सकेगी।

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम
उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण को नई ऊंचाई देने के लिए योगी सरकार लगातार ठोस और प्रभावी कदम उठा रही है। इसी क्रम में मिशन शक्ति अभियान के तहत प्रदेश भर में स्थापित मिशन शक्ति केंद्रों को और अधिक मजबूत एवं प्रभावी बनाने की तैयारी की जा रही है। सरकार की योजना है कि वर्ष 2026 में इन केंद्रों को आधुनिक संसाधनों से लैस किया जाए, ताकि महिला अपराधों की रोकथाम और पीड़ित महिलाओं को त्वरित सहायता सुनिश्चित हो सके।
मिशन शक्ति 5.0 के तहत प्रदेश के सभी जनपदों में कुल 1600 मिशन शक्ति केंद्र/थानों की स्थापना की गई थी। अब इन केंद्रों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए योगी सरकार दो पहिया वाहन (Scooty) और मोबाइल हैंडसेट उपलब्ध कराने पर गंभीरता से विचार कर रही है। इससे मिशन शक्ति की टीमें गांव-गांव और मोहल्लों तक तेजी से पहुंच सकेंगी।
महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की नोडल अधिकारी एडीजी पद्मजा चौहान ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मिशन शक्ति अभियान को लगातार सशक्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मिशन शक्ति केंद्र पर चार-चार स्कूटी और एक-एक मोबाइल हैंडसेट की आवश्यकता सामने आई है। इस आधार पर प्रदेश में कुल 6,400 नई स्कूटी और 1,600 मोबाइल हैंडसेट खरीदने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
एडीजी पद्मजा चौहान के अनुसार, इन संसाधनों की खरीद पर लगभग 67 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसके लिए जल्द ही शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। सरकार से स्वीकृति और बजट आवंटन मिलने के बाद वर्ष 2026 में इन संसाधनों की खरीद प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इन सुविधाओं से मिशन शक्ति की टीमें और अधिक सक्रिय, गतिशील और प्रभावी बन सकेंगी।
मोबाइल हैंडसेट मिलने से मिशन शक्ति केंद्रों में रियल टाइम मॉनिटरिंग (Real-Time Monitoring), शिकायत दर्ज करने, फील्ड से सीधे वरिष्ठ अधिकारियों से समन्वय और डेटा अपडेट करने में आसानी होगी। वहीं, दो पहिया वाहन उपलब्ध होने से किसी भी आपात स्थिति में महिला कर्मी और पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुंच सकेंगी, जिससे घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई संभव होगी।
एडीजी पद्मजा चौहान ने बताया कि योगी सरकार के लिए प्रदेश की आधी आबादी की सुरक्षा और उत्थान सर्वोच्च प्राथमिकता है। मिशन शक्ति केंद्र केवल शिकायत दर्ज कराने का माध्यम नहीं हैं, बल्कि ये महिलाओं के लिए परामर्श, कानूनी सहायता, मेडिकल सपोर्ट, काउंसलिंग और पुनर्वास जैसी सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध करा रहे हैं। साथ ही, महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने में भी ये केंद्र अहम भूमिका निभा रहे हैं।
सरकार का मानना है कि मिशन शक्ति केंद्रों को मिलने वाले नए संसाधन महिला अपराधों की रोकथाम में मील का पत्थर साबित होंगे। इससे न केवल पुलिस और प्रशासन की कार्यक्षमता बढ़ेगी, बल्कि आम महिलाओं में सुरक्षा को लेकर भरोसा भी मजबूत होगा। योगी सरकार का लक्ष्य उत्तर प्रदेश को महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित और अनुकूल राज्य बनाना है, जहां वे बिना भय के शिक्षा, रोजगार और सामाजिक जीवन में आगे बढ़ सकें।
गौरतलब है कि बीते वर्षों में योगी सरकार ने महिला सुरक्षा को लेकर कई ऐतिहासिक पहल की हैं। एंटी रोमियो स्क्वॉड, महिला हेल्पलाइन 1090, 112 आपात सेवा, पिंक बूथ, महिला डेस्क और फास्ट ट्रैक कोर्ट जैसे कदमों से प्रदेश में महिला अपराधों में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। मिशन शक्ति अभियान इन सभी प्रयासों को एक मजबूत आधार प्रदान करता है।
कुल मिलाकर, मिशन शक्ति केंद्रों को आधुनिक संसाधनों से लैस करने की यह पहल महिला सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करेगी और उत्तर प्रदेश को महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक नई पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाएगी।





