दिव्यांगजन विश्वविद्यालयों को सशक्त बनाने के निर्देश, योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने पर जोर

दिव्यांगजन और पिछड़ा वर्ग के सर्वांगीण सशक्तिकरण की दिशा में योगी सरकार ने ठोस कदम उठाते हुए दिव्यांग विश्वविद्यालयों को मजबूत करने और सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को नई गति मिली है।

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार समाज के वंचित वर्गों, विशेषकर दिव्यांगजन और पिछड़ा वर्ग, के समग्र सशक्तिकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। सरकार का लक्ष्य केवल सहायता प्रदान करना नहीं, बल्कि शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा, कौशल विकास और रोजगार के माध्यम से इन वर्गों को मुख्यधारा से जोड़कर आत्मनिर्भर और सम्मानपूर्ण जीवन की ओर अग्रसर करना है। इसी क्रम में योगी सरकार ने दिव्यांग विश्वविद्यालयों को सशक्त बनाने के स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं और सभी योजनाओं का लाभ अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचाने पर विशेष जोर दिया है।

प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि योगी सरकार की नीतियां केवल राहत या सहायता तक सीमित नहीं हैं, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने की सोच पर आधारित हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी योजनाओं का क्रियान्वयन पारदर्शी, समयबद्ध और प्रभावी (Transparent & Time-bound Implementation) ढंग से किया जाए, ताकि पात्र लाभार्थी किसी भी स्तर पर वंचित न रहें।

दिव्यांग विश्वविद्यालयों को सशक्त बनाने पर सरकार का विशेष फोकस

समीक्षा बैठक के दौरान डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ और जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय, चित्रकूट की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की गई। मंत्री ने कहा कि ये दोनों संस्थान दिव्यांगजनों के लिए उच्च शिक्षा के प्रमुख केंद्र हैं और इन्हें और अधिक मजबूत बनाया जाना आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि मंडल स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम, कार्यशालाएं और प्रचार-प्रसार अभियान चलाकर अधिक से अधिक दिव्यांग छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा से जोड़ा जाए।

इसके साथ ही विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता (Academic Quality) में सुधार, रिक्त शिक्षकीय पदों पर शीघ्र नियुक्ति और निर्माणाधीन कार्यों को तय समय-सीमा के भीतर उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा कराने पर भी जोर दिया गया। सरकार का मानना है कि मजबूत शैक्षणिक संस्थान ही दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने की नींव तैयार कर सकते हैं।

पिछड़ा वर्ग कल्याण योजनाओं की सख्त मॉनिटरिंग

पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की समीक्षा के दौरान मंत्री ने कहा कि किसी भी योजना की वास्तविक सफलता तभी मानी जाएगी, जब उसका सीधा लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। इसके लिए जनपद स्तर पर नियमित समीक्षा बैठकें आयोजित करने और कमजोर प्रगति वाले जिलों में जिलाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए।

अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में

शादी अनुदान योजना से 72,690 लाभार्थी लाभान्वित हुए,

छात्रवृत्ति योजना के तहत 12,76,303 विद्यार्थियों को सहायता दी गई,

कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना में 25,588 ‘ओ’ लेवल और 9,304 ‘सीसीसी’ प्रशिक्षणार्थियों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

इन आंकड़ों को और बेहतर बनाने के लिए निरंतर निगरानी और सुधार पर जोर दिया गया है।

दिव्यांगजनों को सामाजिक सुरक्षा और सुविधाओं का विस्तार

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की समीक्षा में बताया गया कि वर्तमान में प्रदेश में

11,88,425 दिव्यांगजनों को दिव्यांग पेंशन,

13,357 लाभार्थियों को कुष्ठावस्था पेंशन,

निःशुल्क बस यात्रा योजना के अंतर्गत 16,97,319 दिव्यांगजन और उनके सहयोगियों को लाभ मिल रहा है।

मंत्री ने स्पष्ट कहा कि राज्य निधि का उपयोग पूरी संवेदनशीलता के साथ दिव्यांगजनों के हित में किया जाए और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

2025–26 में दिव्यांग प्रतिभाओं को मिलेगा नया मंच

आगामी कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2025–26 में दिव्यांग प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए कई बड़े आयोजन किए जाएंगे। इनमें

लखनऊ में 7 दिवसीय राज्य स्तरीय दिव्यांग खेलकूद प्रतियोगिता,

प्रयागराज और ललितपुर में दिव्यांग पुनर्वासन पर राष्ट्रीय कार्यशालाएं,

प्रयागराज, प्रतापगढ़, कानपुर नगर, गोरखपुर, वाराणसी और बागपत में चित्रकला एवं हस्तकला प्रदर्शनी व कार्यशालाएं शामिल हैं।

इन आयोजनों का उद्देश्य दिव्यांगजनों की खेल, कला और कौशल प्रतिभाओं को मंच प्रदान करना और उन्हें आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का अवसर देना है।

योगी सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि उत्तर प्रदेश को ऐसा राज्य बनाया जाए, जहां दिव्यांगजन और पिछड़ा वर्ग सम्मान, सुरक्षा और समान अवसरों के साथ आगे बढ़ सकें। शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा, कौशल विकास और सांस्कृतिक मंचों के माध्यम से सरकार एक समावेशी और सशक्त समाज (Inclusive & Empowered Society) की नींव रख रही है।

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