दुदही में बेखौफ चल रहा अवैध पैथोलॉजी का कारोबार, जिम्मेदार अधिकारी बने मौन दर्शक

दुदही क्षेत्र में बिना पंजीकरण सैकड़ों पैथोलॉजी सेंटर धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह गैरकानूनी कारोबार न सिर्फ नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है, बल्कि आम जनता की सेहत से भी खुला खिलवाड़ कर रहा है।

Report By : टीपू सुल्तान

दुदही: दुदही क्षेत्र में अवैध पैथोलॉजी सेंटरों का कारोबार इन दिनों खुलेआम फल-फूल रहा है। क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों में सैकड़ों की संख्या में बिना किसी पंजीकरण और मानकों के पैथोलॉजी सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि इतने बड़े पैमाने पर चल रहे इस गैरकानूनी धंधे पर अब तक स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की नजर नहीं पड़ी, या फिर जानबूझकर अनदेखी की जा रही है।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि ये अवैध पैथोलॉजी सेंटर न तो क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत पंजीकृत हैं और न ही यहां प्रशिक्षित टेक्नीशियन या मानक उपकरण मौजूद हैं। इसके बावजूद यहां खून, पेशाब और अन्य जरूरी जांचें धड़ल्ले से की जा रही हैं। लोगों का कहना है कि गलत रिपोर्ट के कारण मरीजों का इलाज प्रभावित हो सकता है, जिससे उनकी जान तक को खतरा हो सकता है।

क्षेत्रवासियों में इस बात को लेकर रोष है कि जब योगी सरकार अवैध गतिविधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने की बात करती है, तब दुदही में बिना रजिस्ट्रेशन पैथोलॉजी सेंटर कैसे बेखौफ चल रहे हैं। लोगों का सवाल है कि आखिर किसके संरक्षण में यह अवैध कारोबार संचालित हो रहा है और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अब तक चुप क्यों हैं।

स्थानीय नागरिकों का यह भी कहना है कि कई पैथोलॉजी सेंटर ऐसे लोगों द्वारा चलाए जा रहे हैं, जिनके पास न तो मेडिकल से जुड़ी कोई डिग्री है और न ही जांच करने का वैधानिक अधिकार। इसके बावजूद मरीजों से मोटी रकम वसूल की जा रही है। इससे न केवल सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि आम जनता की सेहत के साथ गंभीर खिलवाड़ भी हो रहा है।

इस पूरे मामले पर सीएचसी प्रभारी का कहना है कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है और जल्द ही संबंधित पैथोलॉजी सेंटरों की जांच कराई जाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जो भी सेंटर बिना पंजीकरण के संचालित पाए जाएंगे, उनके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, लोगों का कहना है कि ऐसे आश्वासन पहले भी कई बार दिए जा चुके हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कार्रवाई नजर नहीं आई।

अब बड़ा सवाल यह है कि क्या यह जांच केवल कागजी औपचारिकता बनकर रह जाएगी या वास्तव में अवैध पैथोलॉजी सेंटरों पर ताला लगेगा। जनता की निगाहें स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन पर टिकी हैं कि वे इस गंभीर मामले में कब और क्या ठोस कदम उठाते हैं।

 

Akash Yadav

आकाश यादव पिछले 9 सालों से पत्रकारिता कर रहे है, इन्होंने हिन्दी दैनिक अखबार अमरेश दर्पण से पत्रकारिता की शुरुआत की, इसके उपरांत टीवी मीडिया के ओर रुख मोड लिया, सबसे पहले सुदर्शन न्यूज, नेशन लाइव, ओके इंडिया, साधना एमपी/सीजी और बतौर लखनऊ ब्यूरो खबरें अभी तक न्यूज चैनल में कार्य करने के साथ सद्मार्ग साक्षी दैनिक अखबार में सहायक संपादक और कर्मक्षेत्र टीवी में बतौर संपादक कार्य कर रहे है !

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