तीर्थ क्षेत्रों की पवित्रता से खिलवाड़ मंजूर नहीं:
वार्ता करते विश्व जैन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय जैन।
इटावा। झारखंड प्रशासन की लापरवाही के कारण सर्वाेच्च जैन तीर्थ सम्मेदशिखर ‘‘पारसनाथ‘‘ की पवित्रता को सैर सपाटे, ट्रेकिंग और पिकनिक के नाम पर नष्ट करने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है जो दुखद, चिंतनीय और असहनीय है और भारतीय संविधान और अल्पसंख्यक समाज के अधिकारों का घोर उल्लंघन है क्योकि तीर्थाे को संरक्षण प्रदान करना केन्द्र व राज्य सरकार की पूर्ण जिम्मेदारी है। यह बात विश्व जैन संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय जैन ने इटावा दौरे के दौरान कही। वह दिल्ली से लखनऊ जा रहे थे।
मीडिया से मुखातिब होते हुए श्री जैन ने कहा कि पर्वतराज को पर्यटन स्थल समझकर मात्र पर्यटन और मनोरंजन के लिये आने वाले लोग जैन तीर्थंकरों की टोंकों पर जूते चप्पल और बैग में अभक्ष्य सामग्री बीडी, सिगरेट, मांसाहार और चमड़े से बनी वस्तुओं के साथ जाते हैं और पर्वतराज पर मांसाहार व शराब का सेवन कर अश्लील गानों पर नृत्य करते पाए गए हैं जिसे जैन समाज की धार्मिक भावनाओं को गम्भीर ठेस पहुंची है, किसी भी परिस्थिति में जैन समाज ऐसे कृत्यों को स्वीकार नही करेगा। झारखण्ड सरकार को श्री सम्मेद शिखर के सम्पूर्ण क्षेत्र में माँस व शराब बिक्री को कड़ाई के साथ प्रतिबन्धित कर ‘‘पारसनाथ‘‘ पर्वत की पवित्रता व संरक्षण के लिए इसे ‘‘पवित्र जैन तीर्थ‘‘ घोषित करने और संगठन द्वारा बिना किसी सरकारी अनुदान लिए सुरक्षा जांच व आवश्यक सुविधाओं हेतु उपकरण व सामग्री निशुल्क उपलब्ध कराने हेतु 27 जनवरी 2022 को याचिका भेजी गयी है और यदि सरकार द्वारा अतिशीघ्र निर्णय नहीं लिया गया तो तीर्थ रक्षार्थ शांतिपूर्ण आन्दोलन के साथ आमरण अनशन करना पड़ेगा जिसकी पूर्णतः जिम्मेदारी केंद्र सरकार व झारखंड राज्य सरकार की होगी।
इस दौरान इटावा इकाई के अध्यक्ष आकाशदीप जैन, राजीव जैन, मनोज जैन, नितिन जैन, प्रिंसू जैन, गौरव कान्त जैन, विशाल जैन, मन्नू जैन, नीरज जैन, आदित्य जैन आदि उपस्थित रहे।