कानपुर,मर्यादित व्यवहार अपनाकर ही मनुष्य सुख शांति पा सकता है-आचार्य सोमदेव
कानपुर।आर्य समाज एवं स्त्री आर्य समाज गोविंद नगर के संयुक्त तत्वाधान में अथर्ववेद पारायण यज्ञ का प्रारंभ अथर्ववेद के पवित्र ग्रंथों के उच्चारण के साथ हुआ। आचार्य सोमदेव जी ने सहयोगी वेद पाठी ब्रह्मचारीयो के साथ अथर्ववेद के मंत्रों का अर्थ सहित पाठ किया ।यज्ञ वेदी पर उपस्थित यजमान दंपतियों ने स्वाहा की ध्वनि के साथ प्रज्वलित अग्नि में आहुतियां डाली।
आचार्य सोमदेव जी ने अपने प्रवचन में बताया कि जिस प्रकार अग्नि, जल, वायु आदि जड़ पदार्थ जब तक अपने मर्यादित अवस्था में रहते हैं तो जनसामान्य को सुख शांति प्रदान करते हैं। किंतु जब वह अपनी मर्यादा को लांघ जाते हैं तो दुख और विनाश का कारण बन जाते हैं ।उसी प्रकार मनुष्य जब तक अपनी मर्यादा में रहकर एक दूसरे के प्रति समुचित व्यवहार करता है तो सुख, शांति और समृद्धि को प्राप्त करता है ।दुख, अशांति का कारण बनता है ।परमात्मा किसी को दुख नहीं देता है अपितु मनुष्य के विचार ,व्यवहार ,कर्म ही उसके दुख और दरिद्रता का कारण होते हैं ।अमृतसर से पधारे प्रसिद्ध संगीताचार्य पंडित दिनेश पथिक जी ने ईश्वर की महिमा का गुणगान अपने सुमधुर भजनों के द्वारा किया। उनके सुंदर भजन सुनकर श्रोतागण आनंद विभोर हो उठे। प्रमुख रूप से शुभ कुमार वोहरा ,वीरेंद्र मल्होत्रा, त्रिलोकी नाथ रावल,वीरा चोपड़ा ,शम्मी कपूर, सुरेंद्र गेरा, प्रकाश वीर आर्य,सत्यकेतु आर्य कैलाश मोंगा,कृष्णा आनन्द, कमल दीवान, शशि मल्होत्रा, मीनाक्षी सचदेव,सुमन चोपड़ा, संतोष अरोड़ा ,चंद्रकांता गेरा आदि उपस्थित रहे।
ए, के,सिंह संवाददाता