Published by : Sanjay Sahu
बांदा : विधान परिषद के चुनाव में एक बार फिर दल बदलू नेताओं का घिनौना चेहरा सामने आने लगा है हाल ही में समाजवादी पार्टी ने बांदा हमीरपुर विधान परिषद चुनाव के लिए आनंद त्रिपाठी बब्बू को एमएलसी प्रत्याशी घोषित किया था जिस पर आज बब्बू त्रिपाठी ने अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया बताया जा रहा है कि पहले भी आनंद त्रिपाठी उर्फ बब्बू का ऐसा कारनामा चलता रहा है।
एमएलसी चुनाव में टिकट पाने के बाद आनंद त्रिपाठी उर्फ बब्बू ने एक प्रेस वार्ता के दौरान चित्रकूट में कहा था कि लड़ाई गोली से लड़ी जाएगी जब उनसे पूछा गया कि पिछले विधान परिषद के चुनाव में आप जब भाजपा में थे तब सपा को टिकट भेज दिया था तो उन्होंने कहा था कि यह हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष की रणनीति थी की चाहे जो हो जाए हमें किसी भी हाल पर सपा की सीट निकालनी है इसीलिए मैं भाजपा में शामिल हुआ था लेकिन इस बार मैं सपा में आ गया हूं और मुझे लोग विधान परिषद भेजने की तैयारी कर रहे हैं लेकिन फिर भी जनता को उन पर भरोसा नहीं हो रहा था शायद इस बार आनंद त्रिपाठी अपना दम दिखाएंगे लेकिन मजा उस वक्त आ गया जब बाँदा में अपना नामांकन पर्चा वापस ले लिया और एक बार फिर गिरगिट की तरह रंग बदलने वाला चेहरा जनता के सामने आ गया आनंद उर्फ बब्बू त्रिपाठी ने हाल ही में मानिकपुर की सीट 237 से अपने भाई को ब्लॉक प्रमुख का चुनाव भी लड़ाया था लेकिन अपने प्रतिद्वंदी अरविंद मिश्रा के सामने बब्बू की एक भी नहीं चली यहां तक कि नामांकन के दौरान मानिकपुर ब्लाक में छीना झपटी तक की नौबत आ गई और बीच बचाव के लिए पुलिस बल की भारी फोर्स भी तैनात कर दी गई थी।
अब सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी राजनीतिक पार्टियां यह सब जानने के बावजूद भी ऐसे गिरगिट की तरह रंग बदलने वाले नेताओं के ऊपर भरोसा कैसे कर लेती हैं इधर सोशल मीडिया में बब्बू और सपा जिला अध्यक्ष के खिलाफ तमाम तरह की बयानबाजी देखने को मिल रही है उसमें यह भी कहा जा रहा है कि कितने पैसे में टिकट को बेचा गया खैर कोई बात नहीं बब्बू के लिए ऐसे रंग बदलना कोई नई बात नहीं है पहले भाजपा में रहकर सपा को टिकट बेचे अब सपा में रहकर भाजपा को टिकट बेंच दिया फिलहाल बब्बू हिसाब किताब के मामले में आगे है और समय समय पर बब्बू त्रिपाठी कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं ।
वही कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि बब्बू त्रिपाठी जोकि बांदा में बालू खदान चलाते हैं उन खदानों पर बुलडोजर और पोकलैंड बालू निकालने का काम किया जाता है कहीँ ऐसा न हो कि बाबा इन पोकलैंड मशीनों को अपने यहां उठा न लें इसीलिए शायद आंनद त्रिपाठी ने ऐसा कदम उठाया है सूत्र यह भी बताते है कि खदानों पर चलने वाले बुलडोजर को प्रशाशन ने सीज कर दिया था यही कारण हो सकता है कि बब्बू ने अपना पर्चा वापस लिया हो खैर अब सामाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष पर एक बड़ा खतरा मंडराने लगा है फिलहाल बाँदा हमीरपुर की एमएलसी सीट भाजपा के खेमे में चली गयी है और जितेंद्र सिंह सेंगर अब जनता के मुद्दों को विधानसभा में 6 साल तक उठाने के लिए तैयार हो गए वही भाजपा की इस निर्विरोध जीत पर बाँदा, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा में खुशी की लहर है।