Published by : Sanjay Sahu
कर्मक्षेत्र टीवी की खबर का बड़ा असर देखने को मिला है दरअसल मानिकपुर ब्लाक के कैलहा ग्राम पंचायत के कोलान मजरे में 10 सालों से 2 सरकारी हैंडपंप कागजों में चल रहे है पर जब मौके पर इस मंजरी का मुआयना किया गया तो यहां एक ही सरकारी हैंडपंप मिला वहः भी सालों से खराब आनन फानन जांच से बचने के लिए प्रधान ने मजरे में खराब पड़े इस हैण्डपम्प पर सालों पुरानी गांव की सड़क के पास तलाब किनारे पड़े 5 साल पुरानी मोटर और पाइपों को डालकर कोरम पूरा कर लिया तो वहीं सरकारी भुगतान में नए मोटर और पाईपो का किया जाएगा इन्ही फर्जी भुगतानों के चलते मार्च के महीने में सरकारी कागजों में 50 हज़ार से ज्यादा की रकम खर्च हो गयी पर खर्च होने वाली रकम के आगे यह नही लिखा गया कि किसके दरवाजे पर हैण्डपम्प मरमत्त का काम करवाया गया । इतनी बड़ी सरकारी रकम कितने हैंडपंप के मरमत्तो में खर्च की गयी है फिलहाल कोलान मजरे के ग्रामीणों ने कर्मक्षेत्र टीवी की टीम को धन्यवाद दिया और कहा साहब पानी मिल गया आपका धन्यवाद हमे उम्मीद नही थी अब इस गांव में हम कभी सरकारी नलों से पानी भी भर पाएंगे।
बताते चले कि इस गांव में सरकारों आंकड़ों में 19 हैंडपंप दर्ज है जिनमे 15 को मौजूदा हाल में चलते दिखाया गया है खास बात यह है कि इस गांव में 10 साल से महिला प्रधान है पर महिला प्रधान का पति जो कि सरकारी विद्यालय कैलहा में ही शिक्षमित्र है उसी की देख रेख में प्रधानी फलती फूलती है यहां तक कि कभी महिला प्रधान पंचायत भवन में बैठती तक नही और न सरकारी फाइलों में दस्तखत करती है पूरा काम यही शिक्षा मित्र ही करता है कारण यह है कि 2015 से अब तक मे इस गांव में सड़क इंटरलॉकिंग निर्माण, तालाब के रैम्प निर्माण, और हैण्डपम्प रिबोर के नाम पर लगभग डेढ़ करोड़ सरकारी पैसा हजम कर गए जबकि सरकार गांवो में विकास के नाम पर पानी की तरह पैसा बहा रही है पर प्रधान और सचिव इस पैसे को न तो पानी के स्तेमाल में ला रहे हैं और न विकास कार्यो में गांव में नए ग्राम विकास अधिकारी ब्रजविहारी को आये 3 माह हो गए पर गांव के लोगो ने बताया कि वह यहां कभी नही आये और न ही हम जानते हैं गांव में बजबजाती नालियां, सड़क के किनारे बनी नालियों से गंदा पानी बहकर इंटरलॉकिंग सड़क के ऊपर चल रहा है ।
नतीजा यह है कि इस के लोग अब न्याय चाहते है जिनके हक का पैसा न तो विकास में। लगाया गया और न बरात घर के निर्माण में सामुदायिक शौचालय तो ऐसी जगह बनवाया गया है कि वहाँ तक पहले तो आदमी पहुंच नही सकता इसके बाद जब से लाखों का समुदायिक शौचालय बना तब से आज तक खुला नही तालों मर जंग लग गए है अंदर कैसा बना है किसी को कुछ पता नही मतलब अगर इस गांव में आये धन और अधिकारियों की सही जांच हुई तो जेल जाना तय है और बाबा का बुलडोजर भी चलना तय है।