Report : Sanjay Sahu, Chitrakoot
चित्रकूट : रैपुरा थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी दुष्कर्म पीड़ित 12 वीं की छात्रा ने पुलिस की कार्यशैली से न्याय न मिलता देख दुखी होकर आत्महत्या कर ली। पीड़िता के परिजनों ने पहले थाने में तहरीर दी तो रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। न्यायालय ने धारा 156(3) के तहत जांच की जिम्मेदारी सीओ को दी। आरोप है कि उन्होंने भी गलत रिपोर्ट दाखिल कर दी। एसओ ने उस पर आरोपी से समझौता व शादी करने का दबाव भी बनाया। इतना ही नहीं आरोपी ने उसके साथ दोबारा रेप किया। न्याय की आस पूरी न होने से उसने फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया।
पीड़िता के अधिवक्ता रामकृष्ण ने बताया कि गांव निवासी और कक्षा 12 की छात्रा का आरोप था कि एक अक्टूबर 2023 को उसको झांसा देकर गांव निवासी अखिल पुत्र मुन्नालाल, अभिषेक पुत्र महेंद्र, नीलेश पुत्र राजेश, शिवबाबू पुत्र फूलचंद्र और नेपाल पुत्र देवीदयाल ने खेत में पकड़ लिया। अखिल ने उसके साथ दुराचार किया। आरोपियों ने उसे रात तक बंधक बनाकर रखा। अधिवक्ता ने बताया कि इस संबंध में रैपुरा थाने में तहरीर दी गई थी। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं की गई। पीड़िता ने उनके माध्यम से कोर्ट में धारा 156(3) के तहत प्रार्थनापत्र दिया था। इस पर कोर्ट ने सीओ राजापुर को मामले की जांच सौंपी थी। अधिवक्ता ने बताया कि सीओ ने मामले में लीपापोती करने की कोशिश की। आरोप लगाया कि जिस नंबर से फोन करके आरोपी ने पहली बार पीड़िता से संपर्क किया था, उस नंबर को सर्विलांस पर न लगाकर दूसरे नंबर की डिटेल दे दी। मेडिकल भी नहीं कराया और न ही धारा 164 के तहत न्यायालय में बयान कराया। इस पर उन्होंने पीड़िता की ओर से न्यायालय में परिवाद भी दाखिल किया था।
पीड़िता के अधिवक्ता का आरोप, एसओ ने बनाया समझौते का दबाव, दोबारा किया रेप
अधिवक्ता ने बताया कि परिवाद पर आठ अप्रैल को पीड़िता का बयान होना था। सोमवार को कचहरी आई पीड़िता ने बताया था कि छह अप्रैल को घर में वह अकेली थी। परिवार के लोग खेत गए हुए थे। तब अखिल ने घर में घुसकर उसके साथ रेप किया । उसने उसे धमकी दी थी और शादी करने को कहा था। बताया कि आठ अप्रैल को एक अधिवक्ता के निधन की वजह से कोर्ट का कामकाज नहीं हुआ था। पीड़िता ने उनसे एसपी के नाम प्रार्थनापत्र लिखवाया था पर देर हो जाने की वजह से वह एसपी से नहीं मिल सकी । बताया कि मंगलवार को पीड़िता को एसपी से मिलकर शिकायत करने जाना था पर वाहन न मिलने की वजह से नहीं जा सकी। देर दोपहर उसके पिता का फोन आया कि उसने आत्महत्या कर ली है। अधिवक्ता ने बताया कि सोमवार को जब पीड़िता अपने पिता के साथ कचहरी आई थी तो उसने कहा था कि अगर न्याय न मिला तो वह जान दे देगी। इस पर उन्होंने उसे समझाया भी था। अधिवक्ता ने बताया कि उनके पास इस बात के भी सबूत हैं कि रैपुरा पुलिस ने आरोपी के साथ बैठाकर पीड़िता को समझौता करने का दबाव बनाया।
रैपुरा एसओ शैलेंद्र चंद्र पांडेय ने मामले पर बात करने से ही इंकार कर दिया। कहा, बाद में बात करिएगा और फोन काट दिया। सीओ राजापुर निष्ठा उपाध्याय ने कहा कि यह मामला कोर्ट में है। कोर्ट में मामला पेंडिंग होने की वजह से मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकती। अगर मैंने गलत रिपोर्ट दी होगी तो कोर्ट इस पर ध्यान देगी।
एसपी अरुण कुमार सिंह ने की कार्यवाही
मामले को बढ़ता एसपी अरुण कुमार के आदेश पर सीओ राजापुर निष्ठा उपाध्याय ने बड़ी कार्यवाही की और पीड़ित की तहरीर के मुताबिक 11 लोगों के विरुद्ध थाना रैपुरा मुकदमा दर्ज किया गया और आरोपी युवक सहित उसकी मां को रैपुरा पुलिस ने किया गिरफ्तार।
पुलिस की भूमिका संदिग्ध : रामकृष्ण
अधिवक्ता रामकृष्ण का आरोप है कि पूरे मामले में रैपुरा पुलिस और सीओ की भूमिका संदिग्ध है। वह इस मामले में पीड़िता के पिता की ओर से कोर्ट की शरण लेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि रैपुरा एसओ ने पीड़िता पर समझौते का और आरोपी से शादी करने का दबाव बनाया, जिस वजह से उसने जान दे दी है।