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लखनऊ: शहर में दोगुनी हुई दाह संस्कार की संख्या, गर्मी ने किया मौतों में इजाफा, लकड़ी हुई महंगी

गर्मी की वजह से लखनऊ में औसत मौत दर में इजाफा हुआ है। इसकी झलक उन जगहों पर देखी जा सकती है जहां पर अंतिम संस्कार होता है।

गर्मी का प्रकोप बढ़ते ही श्मशाम घाटों पर दाह संस्कार की संख्या करीब दोगुनी हो गई है। भैंसाकुंड पर इन दिनों रोजाना 40-42 और गुलालाघाट पर 30-35 दाह संस्कार हो रहे हैं। इनमें बिजली से होने वाले दाह संस्कारों की संख्या शामिल है।

भैंसाकुंड श्मशाम घाट पर पहले रोजाना 15 से 20 अंत्येष्टियां होती थीं। अब यह संख्या 40 से 42 तक पहुंच गई है। सेवादा गिरिजाशंकर व्यास बाबा ने यह जानकारी दी। ठाकुरगंज स्थित गुलाला घाट में पांच दिनों से अचानक शवों की संख्या बढ़ी है। सेवादार वीरेंद्र पांडे ने बताया कि रोजाना 30 से 35 शव आ रहे हैं। पहले यह संख्या 15-20 ही थी।

लकड़ी भी हो गई महंगी
गुलालाघाट के सेवादार वीरेंद्र पांडेय ने बताया कि पहले ऐशबाग से शव जलाने के लिए पांच से साढ़े पांच सौ रुपये क्विंटल की दर पर लकड़ी मिलती थी। अब यह 700 रुपये क्विंटल मिल रही है। लकड़ी की व्यवस्था काकोरी, मलिहाबाद व संडीला से करवाई जा रही है। एक शव में करीब सात क्विंटल लकड़ी लगती है। भैंसाकुंड श्मशान घाट के सेवादार गिरिजाशंकर व्यास बाबा ने बताया कि यहां 630 रुपये प्रति क्विंटल की दर में लकड़ी उपलब्ध है। सेवादार ने बताया कि गुलालाघाट पर आठ वाटर कूलर काम कर रहे हैं। भैंसाकुंड श्मशान घाट पर भी पेयजल से लेकर सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

लू से बचें, जरूरी होने पर ही आएं अस्पताल
डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान प्रशासन ने मरीजों को लू से बचने तथा जरूरी होने पर ही अस्पताल आने की सलाह दी है। संस्थान के निदेशक के मुताबिक अगले कुछ दिन में लू का प्रकोप कुछ कम होगा। तब तक जरूरी दवाएं लेते रहें तथा अपना बचाव करें।

संस्थान के निदेशक प्रो. सीएम सिंह के मुताबिक जिन मरीजों के नियमित चेकअप का समय निर्धारित है उनसे अनुरोध है कि यदि कोई तकलीफ नहीं है तो आगे का समय सुनिश्चित करा लें तथा हृदय और अन्य दीर्घकालिक बीमारियों के लिए सलाह में दी गयी दवाएं लेना जारी रखें। 15-20 दिन में गर्मी कम हो जाने पर संबंधित डॉक्टर से मिलकर अग्रिम परामर्श ले सकते हैं।

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