रिपोर्ट : आकाश यादव
उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। अपर्णा यादव, जो समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की बहू हैं, ने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। इस बैठक के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं, क्योंकि अपर्णा यादव को उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद अब तक उन्होंने अपना कार्यभार नहीं संभाला है।
अपर्णा यादव इस मुलाकात के दौरान अपने पति प्रतीक यादव के साथ थीं, और यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब उनके राज्य महिला आयोग में अपनी जिम्मेदारियों को लेकर चर्चाएं गर्म हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अपर्णा यादव को जल्द ही कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
क्या है नाराजगी की चर्चा?
अभी तक अपर्णा यादव ने अपने उपाध्यक्ष पद का कार्यभार नहीं संभाला है, जिसको लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं। कुछ सूत्रों का कहना है कि उन्हें नियुक्ति के बावजूद अब तक प्रभावी भूमिका नहीं मिल पाई है, जिससे वे नाराज चल रही थीं। ऐसे में सीएम योगी से उनकी मुलाकात इन चर्चाओं को और बल दे रही है।
मुलाकात के मायने
राजनीतिक विश्लेषक इस मुलाकात को कई दृष्टिकोण से देख रहे हैं। एक तरफ इसे उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी बीजेपी और समाजवादी पार्टी के परिवार के बीच के संबंधों में बढ़ती करीबी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है, तो दूसरी तरफ यह माना जा रहा है कि अपर्णा यादव को अब योगी सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।
अपर्णा यादव पहले भी कई बार बीजेपी की नीतियों की सराहना कर चुकी हैं और उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति सम्मान की भावना को सार्वजनिक रूप से व्यक्त किया है। इस वजह से, सपा के राजनीतिक ढांचे से हटकर उनका भाजपा के करीब आना, हमेशा से सुर्खियों में रहा है।
अपर्णा यादव का राजनीतिक सफर
अपर्णा यादव ने 2017 के विधानसभा चुनाव में लखनऊ कैंट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद से उन्होंने सक्रिय राजनीति में कोई बड़ी भूमिका नहीं निभाई है, हालांकि वह सामाजिक कार्यों और अपने बयानबाजी के कारण अक्सर चर्चा में रही हैं। उनकी सक्रियता और राजनीतिक जुड़ाव को देखते हुए, यह अटकलें तेज हो गई हैं कि बीजेपी उन्हें महत्वपूर्ण भूमिका दे सकती है, खासकर महिला सशक्तिकरण के मुद्दों पर।
आगे की रणनीति पर नजर
अब देखना दिलचस्प होगा कि अपर्णा यादव को राज्य महिला आयोग में कब और कैसे जिम्मेदारी दी जाती है। क्या वे भाजपा के प्रति अपनी वफादारी को और मजबूत करेंगी, या इस मुलाकात का कोई और राजनीतिक संदेश है, यह आने वाले दिनों में साफ हो पाएगा।
फिलहाल, इस मुलाकात ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है।