पुलिस को झटका, अब्दुल्ला आजम खान को अदालत से राहत

Report By : राहुल मौर्य
रामपुर : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान के बेटे एवं पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खान के लिए मंगलवार का दिन राहत लेकर आया। सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बावजूद, 2020 के शत्रु संपत्ति मामले में उनकी रिहाई अटकी हुई थी। इस मामले में पुलिस ने उनके खिलाफ अतिरिक्त धाराएं जोड़ने की याचिका अदालत में दाखिल की थी, लेकिन अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया।
पुलिस की याचिका को कोर्ट से झटका
रामपुर की अदालत में पुलिस ने 2020 के शत्रु संपत्ति मामले में अब्दुल्ला आजम खान पर अतिरिक्त धाराएं लगाने का अनुरोध किया था। पुलिस की इस मांग को यदि अदालत मंजूर कर लेती, तो अब्दुल्ला की रिहाई और मुश्किल हो सकती थी। लेकिन कोर्ट ने पुलिस की अर्जी को खारिज करते हुए, पूर्व में दाखिल चार्जशीट को ही मान्य ठहराया।
आजम खान पक्ष के अधिवक्ता जुबेर अहमद खान ने बताया कि यह मामला 2020 का है और इसमें चार्जशीट और सप्लीमेंट्री चार्जशीट पहले ही दाखिल हो चुकी हैं। उन्होंने कहा,

“पहले ही इस मामले में चार्जशीट लग चुकी थी, 2023 में पहली चार्जशीट के बाद पुलिस ने तीन अलग-अलग सप्लीमेंट्री चार्जशीट फाइल की। हमारे मुवक्किल अब्दुल्ला आजम और आजम खान को इस मामले में चार महीने की कस्टडी में रखा गया। हमने जमानत की अर्जी दाखिल की, लेकिन प्रॉसीक्यूशन की ओर से रिपोर्ट न आने की वजह से चार से पांच बार सुनवाई टलती रही। फिर पुलिस ने अतिरिक्त धाराएं जोड़ने का अनुरोध किया, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया।”
कोर्ट में कौन-कौन सी धाराएं थीं विवादित?
जुबेर अहमद खान ने बताया कि पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 468 सहित कुछ अन्य धाराओं को जोड़ने की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि जो धाराएं पहले ही संज्ञान में आ चुकी हैं, उन्हीं को मान्य रखा जाएगा और कोई नई धारा नहीं जोड़ी जाएगी।
क्या अब्दुल्ला आजम खान को अब होगी रिहाई?
जब उनसे पूछा गया कि क्या अब्दुल्ला आजम खान जल्द ही जेल से बाहर आ जाएंगे, तो उन्होंने कहा,
“अगर इस मामले में जमानत मिल जाती है और उन पर कोई नया मामला दर्ज नहीं होता, तो वे जल्द ही बाहर आ सकते हैं। बाकी, अंतिम फैसला अदालत पर निर्भर करता है।”
क्या है पूरा मामला?
यह मामला 2020 का है, जिसमें अब्दुल्ला आजम खान और उनके पिता आजम खान पर शत्रु संपत्ति मामले में अनियमितताओं के आरोप लगे थे। इस मामले में पहले ही चार्जशीट दायर हो चुकी थी। लेकिन अब जब सुप्रीम कोर्ट से जमानत मंजूर हो चुकी है, और रामपुर कोर्ट ने भी अतिरिक्त धाराएं जोड़ने से इनकार कर दिया है, तो अब्दुल्ला आजम खान की रिहाई के रास्ते खुलते नजर आ रहे हैं।
अब सबकी निगाहें कोर्ट के अंतिम फैसले पर टिकी हैं। यदि अदालत जमानत मंजूर कर देती है और कोई नया मामला दर्ज नहीं होता, तो अब्दुल्ला आजम खान जल्द ही जेल से बाहर आ सकते हैं।