शक्करपुर पंचायत भवन पर लटका ताला: प्रशासन की बड़ी लापरवाही, ग्रामीणों में आक्रोश
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Report By:आसिफ अंसारी
गाज़ीपुर जिले के ब्लॉक कासिमाबाद अंतर्गत ग्राम पंचायत शक्करपुर में बने पंचायत भवन का उद्देश्य ग्रामीण विकास और सरकारी योजनाओं को सही ढंग से लागू करना था। लेकिन विडंबना यह है कि इस पंचायत भवन के दरवाजे पर हमेशा ताला लटका रहता है। यह हाल सिर्फ शक्करपुर का नहीं, बल्कि कई अन्य गांवों में भी पंचायत भवन उपयोग के अभाव में वीरान पड़े हैं।
ग्रामीणों की नाराजगी: “यह भवन सिर्फ नाम का है”
गांव के निवासी बताते हैं कि जब से पंचायत भवन का निर्माण हुआ है, तब से इसका उपयोग शायद ही हुआ हो। पंचायत सहायक और सफाई कर्मियों की नियुक्ति तो हुई, लेकिन कोई नियमित रूप से कार्यस्थल पर मौजूद नहीं रहता। इससे ग्रामवासियों को अपनी शिकायतें और समस्याएं दर्ज कराने का भी मौका नहीं मिल पाता।
एक ग्रामीण रामकिशोर यादव ने बताया,
“हमारे गांव में समस्याओं का अंबार लगा है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं। सफाई कर्मी कभी-कभार दिख जाते हैं, लेकिन उनका काम संतोषजनक नहीं होता। अगर पंचायत भवन खुला ही नहीं रहेगा, तो सरकारी योजनाओं का लाभ हमें कैसे मिलेगा?”
ग्राम पंचायत सचिव का टालमटोल भरा जवाब
जब इस मामले में ग्राम पंचायत सचिव अनिल कुमार से सवाल पूछा गया तो उन्होंने गोल-मोल जवाब देते हुए कहा कि जल्द ही पंचायत भवन को सुचारू रूप से चालू किया जाएगा। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि ये आश्वासन सालों से दिए जा रहे हैं, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।
सरकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन क्यों नहीं?
उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी पंचायती राज योजना के तहत गांव-गांव में पंचायत भवन बनाए गए, ताकि ग्रामीण जनता को सरकारी लाभ आसानी से मिल सके। लेकिन जब ये भवन केवल कागजी साबित हो रहे हैं, तो इन पर खर्च किए गए लाखों रुपये किस उपयोग के? प्रशासन की लापरवाही और जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता से सरकार की योजनाओं का सही क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा।
प्रशासन कब लेगा संज्ञान?
अब सवाल यह उठता है कि प्रशासन कब इस समस्या पर ध्यान देगा? क्या सरकार केवल भवन निर्माण कराकर ही अपने कर्तव्य की इतिश्री मान लेगी? यदि पंचायत भवन का सही उपयोग नहीं होगा और सफाई कर्मी अपनी जिम्मेदारियां नहीं निभाएंगे, तो ग्रामीण जनता की समस्याओं का समाधान कैसे होगा?
शक्करपुर के ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि पंचायत भवन को जल्द से जल्द खोला जाए और वहां नियमित रूप से अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहें, ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ सही मायनों में जनता तक पहुंचे।