बिहार सरकार का बजट जमीनी हकीकत से परे : आलोक रंजन

Report By : तारकेश्वर प्रसाद
आरा : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के भोजपुर जिला प्रवक्ता आलोक रंजन ने बिहार सरकार के बजट को जमीनी हकीकत से परे करार दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट पूरी तरह से खोखला और भ्रामक है। उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री ने जो आंकड़े पेश किए हैं, वे सिर्फ दिखावे के लिए हैं, जबकि जमीनी सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है।
आलोक रंजन ने कहा कि यह बजट बिहार के हित में नहीं है, बल्कि केवल कागजी घोषणाओं तक सीमित है। सरकार ने बजट का आकार 3 लाख 17 हजार करोड़ रुपये बताया है, लेकिन यह केवल आंकड़ों की बाजीगरी है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर केवल आंकड़ों से विकास होता तो सरकार इसे 5 लाख करोड़ रुपये भी बता सकती थी, लेकिन हकीकत यह है कि पिछले वर्ष की घोषणाएं भी अब तक धरातल पर नहीं उतरीं और इस बार भी वही दोहराया जा रहा है।
राजद प्रवक्ता ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस बजट में बिहार के असली मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं की गई। सरकार की सात निश्चय योजना और सात निश्चय-2 की सफलता-असफलता का कोई आकलन नहीं किया गया। बिहार अब भी साक्षरता, प्रति व्यक्ति आय और निवेश के मामले में सबसे निचले पायदान पर है, लेकिन सरकार ने इसे सुधारने के लिए कोई ठोस योजना नहीं रखी।
महंगाई और बेरोजगारी बिहार के लिए सबसे गंभीर समस्याएं हैं, लेकिन बजट में इन मुद्दों को हल करने के लिए कोई नीति नहीं बनाई गई। बिहार से सबसे अधिक पलायन होता है, लेकिन सरकार ने राज्य में उद्योग-धंधे स्थापित करने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। युवाओं को रोजगार देने, परीक्षाओं में पेपर लीक रोकने और कानून-व्यवस्था को सुधारने के लिए भी कोई ठोस योजना नहीं दी गई। महिलाओं को आर्थिक न्याय देने की कोई पहल भी नहीं की गई।
आलोक रंजन ने कहा कि यह बजट बिहार की जनता को गुमराह करने वाला है और राष्ट्रीय जनता दल इसका पुरजोर विरोध करता है। उन्होंने कहा कि बिहार को समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक वास्तविक, व्यावहारिक और दूरदर्शी बजट की जरूरत थी, लेकिन यह बजट केवल जुमलेबाजी बनकर रह गया है।