बहियारा में कचरा डंपिंग केंद्र स्थानांतरित करने की मांग – सांसद सुदामा प्रसाद

Report By : तारकेश्वर प्रसाद
आरा : भोजपुर जिले के कोईलवर प्रखंड के बहियारा गांव में आरा नगर निगम द्वारा कचरा डंपिंग किए जाने से स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। इसे हटाने की मांग को लेकर सांसद सुदामा प्रसाद ने लोकसभा में आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि बिहार में स्वच्छता अभियान अव्यवस्था और वैज्ञानिक तरीकों की कमी का शिकार हो गया है। गांवों और शहरों में कचरा उठाव और निस्तारण की समुचित व्यवस्था न होने के कारण नागरिकों को नारकीय स्थिति में जीवन व्यतीत करना पड़ रहा है।
प्रदूषण से ग्रामीणों का जीवन प्रभावित
नगर निगम द्वारा एक माह से बहियारा गांव के पास कचरा डंप किया जा रहा है, जिससे आसपास के 8 से 10 पंचायतों के ग्रामीण प्रभावित हो रहे हैं। इनमें भदवर नरही, अंबा, नरबिपुर, बैजनाथ टोला, चांदी, हरदास टोला, रामनगर, गुंजन टोला, खनगांव, भरौल टोला, फरहंगपुर, धनडीहा, कुलहड़िया, सकड्डी जैसे गांव शामिल हैं।
धार्मिक स्थलों और पर्यावरण पर बुरा प्रभाव
बहियारा में जहां कचरा गिराया जा रहा है, वहां से महज 50 मीटर की दूरी पर सोन नदी, वीर कुंवर सिंह का ऐतिहासिक सूर्य मंदिर, छठ पूजा घाट, दुर्गा मंदिर और महावीर मंदिर स्थित हैं। इसके अलावा, बिजली विभाग का पावर हाउस, चांदी थाना परिसर और सरकारी स्कूल भी इस कचरा केंद्र से प्रभावित हो रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कचरे से उठने वाली बदबू और जहरीले धुएं से उनका जीवन दूभर हो गया है।
किसानों और स्वास्थ्य पर असर
इस डंपिंग से आसपास के खेतों की उर्वरता प्रभावित हो रही है और सोन नदी का जल भी प्रदूषित हो रहा है। मक्खियों और मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है, जिससे बीमारियां फैलने लगी हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर यह कचरा गिरता रहा तो जल्द ही महामारी फैल सकती है।
सरकारी जमीन पर नगर निगम का दावा
सांसद सुदामा प्रसाद ने लोकसभा में बताया कि यह जमीन आरा नगर निगम अपनी बता रहा है, जबकि यह बिहार सरकार के सिंचाई विभाग की है। इस जमीन का खाता संख्या 339 और खेसरा संख्या 1148, 1149, 1150, 1151 है, जिसका कुल रकबा करीब तीन एकड़ है।
सांसद की मांग
सांसद ने लोकसभा में मांग की कि बहियारा गांव सहित आबादी के नजदीक बने सभी कचरा डंपिंग केंद्रों को तत्काल हटाया जाए और वैज्ञानिक तरीकों से कचरा निस्तारण की व्यवस्था की जाए। उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द इस मुद्दे पर संज्ञान लेने की अपील की है।
इस विषय पर भाकपा-माले जिला कार्यालय सचिव दिलराज प्रीतम ने भी एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पत्रकारों को जानकारी दी। ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।