जोरवरपुर विद्यालय में प्रधानाध्यापक पर रसोईया से मारपीट और दुर्व्यवहार का आरोप, ग्रामीणों ने किया जोरदार प्रदर्शन

Report By : तारकेश्वर प्रसाद
भोजपुर जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के जोरवरपुर गांव में एक गंभीर और संवेदनशील मामला सामने आया है। यहां उत्क्रमित मध्य विद्यालय में कार्यरत रसोईया ने स्कूल के प्रधानाध्यापक पर मारपीट और छेड़खानी का आरोप लगाया है। इस घटना के विरोध में गांव के लोगों ने स्कूल परिसर में जोरदार धरना प्रदर्शन किया।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रधानाध्यापक राजेंद्र प्रसाद सिंह ने एक कमरे में बंद कर रसोईया की सात मिनट तक बेरहमी से पिटाई की और उसके साथ गलत व्यवहार किया। ग्रामीणों की मांग है कि ऐसे प्रधानाध्यापक को तुरंत बर्खास्त किया जाए और उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों के अनुसार, यह सिर्फ मारपीट का मामला नहीं है बल्कि महिला के साथ अपमान और शोषण का गंभीर मामला है।
इस घटना के बाद दोनों पक्षों ने मुफस्सिल थाना में एक-दूसरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई है। एक प्राथमिकी में स्कूल के प्रधानाध्यापक को आरोपी बनाया गया है, वहीं दूसरी प्राथमिकी में वार्ड सदस्य समेत चार लोगों को नामजद किया गया है। पुलिस ने बताया कि घटना 5 अप्रैल की सुबह करीब 11 बजे की है और पूरे मामले की गहराई से जांच की जा रही है।

इस बीच, जिला पार्षद भीम यादव भी इस मामले में सामने आए और उन्होंने थाना प्रभारी पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि थाना प्रभारी जनप्रतिनिधियों के साथ सही व्यवहार नहीं करते और उनका रवैया बेहद खराब और अपमानजनक है। उन्होंने कहा कि जब एक महिला के साथ इस तरह की घटना हुई, तब भी थाना प्रभारी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की और बिना उचित जांच किए ग्रामीणों और वार्ड सदस्य पर मामला दर्ज कर दिया।
दूसरी ओर, प्रधानाध्यापक राजेंद्र प्रसाद सिंह ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने उल्टा आरोप लगाया कि वार्ड पार्षद उन पर पैसों की मांग कर रहे थे और जब उन्होंने पैसे देने से इनकार कर दिया, तो उनके खिलाफ साजिश रची गई। प्रधानाध्यापक का कहना है कि वार्ड पार्षद ने लोगों को बहला-फुसलाकर स्कूल पर धरना प्रदर्शन करवाया।
फिलहाल इस मामले में पांच लोगों को नामजद किया गया है और पुलिस दोनों प्राथमिकी के आधार पर निष्पक्ष जांच करने का दावा कर रही है। यह मामला अब पूरे गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है और लोग न्याय की मांग कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन से भी ग्रामीणों को उम्मीद है कि दोषी को सजा मिलेगी और स्कूल जैसे पवित्र स्थान को विवादों से मुक्त किया जाएगा।