सरोज इंस्टिट्यूट लखनऊ में 140 छात्रों को टैबलेट वितरित, छात्रों ने कहा- अब पढ़ाई होगी आसान और डिजिटल

Report By : स्पेशल डेस्क
लखनऊ : सरोज इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, लखनऊ में एक खास कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों को टैबलेट वितरित किए गए। यह वितरण स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत किया गया, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों को डिजिटल शिक्षा से जोड़ना और उन्हें आधुनिक तकनीक से सशक्त बनाना है।
इस अवसर पर कुल 140 छात्र-छात्राओं को टैबलेट दिए गए। टैबलेट पाकर विद्यार्थियों के चेहरे पर मुस्कान थी और उन्होंने इस पहल को बहुत ही सराहनीय बताया। छात्रों का कहना था कि अब पढ़ाई करना और भी आसान हो जाएगा, ऑनलाइन क्लास, ई-बुक्स और अन्य शैक्षणिक संसाधनों तक अब तुरंत पहुंच हो सकेगी।
टैबलेट वितरण समारोह में संस्थान के प्रधानाचार्य रोहित सिंह मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि सरकार की यह योजना छात्रों के लिए बेहद लाभकारी है। रोहित सिंह ने बताया कि आज के समय में तकनीकी ज्ञान और डिजिटल संसाधनों के साथ तालमेल बहुत जरूरी हो गया है। छात्रों को चाहिए कि वे इन संसाधनों का सही उपयोग करें और अपने करियर को नई दिशा दें। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार छात्रों के कौशल विकास के लिए अनेक योजनाएं चला रही है, जिससे वे नौकरी पाने के साथ-साथ खुद का रोजगार भी शुरू कर सकते हैं।
कार्यक्रम में फार्मेसी विभाग की डायरेक्टर के अलावा संस्थान के शिक्षक फैसल, समीर बाजपेई, अभिषेक वर्मा, आयुष यादव और राहुल यादव भी उपस्थित रहे। इन सभी की भूमिका कार्यक्रम की सफलता में अहम रही।

संस्थान के चेयरमैन सुनील सिंह ने भी इस अवसर पर छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज का युग पूरी तरह डिजिटल होता जा रहा है और ऐसे समय में छात्रों को तकनीकी रूप से सक्षम बनाना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि टैबलेट और स्मार्टफोन का सही उपयोग करके छात्र अपना भविष्य उज्ज्वल बना सकते हैं। इसके माध्यम से वे न केवल पढ़ाई को आसान बना सकते हैं, बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी, प्रोजेक्ट वर्क और रिसर्च में भी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
छात्रों ने सरकार और संस्थान के इस प्रयास की सराहना की और कहा कि इस तरह की योजनाएं न केवल पढ़ाई में मदद करती हैं, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ाती हैं। डिजिटल उपकरण मिलने से वे खुद को आगे बढ़ाने में सक्षम महसूस कर रहे हैं।
इस कार्यक्रम के माध्यम से यह स्पष्ट हो गया कि शिक्षा को डिजिटल माध्यम से जोड़कर छात्रों को और ज्यादा सक्षम बनाया जा सकता है। यह कदम न केवल छात्रों के लिए फायदेमंद है, बल्कि डिजिटल भारत की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है।