बुंदेलखंड में बिजली और पानी की समांतर खेती: खेत तालाब योजना और सौर ऊर्जा से बदल रही तस्वीर

लखनऊ : बुंदेलखंड की पहचान अब सिर्फ शौर्य और संस्कार तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि अब यह क्षेत्र बिजली और पानी की खेती का प्रतीक भी बनेगा। योगी आदित्यनाथ सरकार की पहल पर खेत तालाब योजना और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में किए जा रहे इनोवेटिव प्रयोगों ने इस क्षेत्र को विकास की नई दिशा दी है। परंपरागत खेती के साथ अब बुंदेलखंड में पानी के संरक्षण और बिजली के उत्पादन की एक साथ खेती हो रही है, जो इसे आत्मनिर्भरता और सतत विकास की ओर अग्रसर कर रही है।

खेत तालाब योजना: बूंद-बूंद पानी से हरियाली का सपना

जल संकट से जूझते बुंदेलखंड में खेत तालाब योजना किसी वरदान से कम नहीं है। इस योजना के अंतर्गत सरकार किसानों को तालाब खुदवाने पर 50 से 75 प्रतिशत तक की सब्सिडी दे रही है। सामान्य वर्ग के लघु और सीमांत किसानों को 50 प्रतिशत या अधिकतम 80 हजार रुपये, जबकि अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों को 75 प्रतिशत या एक लाख रुपये तक का अनुदान मिल रहा है।
अब तक करीब 5000 तालाबों की खुदाई हो चुकी है, जिनमें संचित वर्षा जल का उपयोग सिंचाई और पशुओं की जरूरतों के लिए किया जा रहा है।

सौर ऊर्जा से बिजली की खेती: बुंदेलखंड की नई पहचान

पर्यावरण अनुकूल सौर ऊर्जा आज वैश्विक जरूरत बन चुकी है। ऐसे में योगी सरकार ने बुंदेलखंड को सोलर एनर्जी हब बनाने का संकल्प लिया है। सौर ऊर्जा प्रदूषण रहित, टिकाऊ और दीर्घकालिक समाधान है जो पारंपरिक थर्मल और हाइड्रो पावर पर निर्भरता को कम करता है। आने वाले वर्षों में प्रदेश की बिजली खपत 53 हजार मेगावाट तक पहुंचने की संभावना है, जिसे पूरा करने के लिए हरित ऊर्जा का बढ़ावा आवश्यक है।

उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 का असर

प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में बिजली की बड़ी भूमिका होगी। निवेशकों को आकर्षित करने और उद्योगों को पावर सपोर्ट देने के लिए योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 लागू की है। इसके तहत सोलर परियोजनाओं को वित्तीय और प्रशासनिक प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

बुंदेलखंड: सोलर एनर्जी के लिए सबसे उपयुक्त

बुंदेलखंड में सौर ऊर्जा के लिहाज से कई योजनाएं प्रस्तावित हैं

चित्रकूट: 3400 एकड़ में 800 मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट, जिससे सालाना 1900 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा।

झांसी: 600 मेगावाट सालाना क्षमता का प्लांट निर्माणाधीन।

ललितपुर: 1400 मिलियन यूनिट की वार्षिक उत्पादन क्षमता वाला प्लांट प्रस्तावित।

कानपुर (ग्रामीण एवं नगर): 110 मेगावाट सालाना उत्पादन क्षमता।

देश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे बनेगा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को सोलर एक्सप्रेसवे में बदले जाने की योजना पर काम हो रहा है। लगभग 296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे के दोनों ओर 2447 एकड़ क्षेत्रफल में 14 सोलर पार्क स्थापित होंगे, जिनकी कुल उत्पादन क्षमता 450 मेगावाट होगी। इस परियोजना में लगभग 2000 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसमें टाटा पावर जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों ने रुचि दिखाई है।

सौर ऊर्जा से रोशन होंगे गांव

सरकार की योजना के अनुसार सबसे पहले गांवों में सौर ऊर्जा से बिजली आपूर्ति की जाएगी। इसके लिए ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर बनाया जा रहा है, जिससे सोलर पार्कों से उत्पादित बिजली ग्रामीण फीडरों के माध्यम से खेतों और गांवों तक पहुंचेगी। इसके साथ ही किसानों को सोलर पंप उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे सिंचाई भी पूरी तरह सौर ऊर्जा पर निर्भर हो सकेगी।

अयोध्या और अन्य नगर निगम बनेंगे सोलर सिटी

बुंदेलखंड के साथ-साथ प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है। अयोध्या को सूर्यवंशी श्रीराम की नगरी के रूप में सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके अलावा नोएडा समेत 16 नगर निगमों को भी चरणबद्ध तरीके से सोलर सिटी के रूप में परिवर्तित करने की योजना है।

सोलर से 10% बिजली उत्पादन का लक्ष्य

प्रदेश सरकार की मंशा है कि आने वाले समय में कुल बिजली उत्पादन का 10 प्रतिशत हिस्सा सौर ऊर्जा से हो। इसके लिए प्रधानमंत्री की ‘सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना’ और ‘पीएम कुसुम योजना’ के तहत सब्सिडी और सस्ती ब्याज दरों पर ऋण मुहैया कराया जा रहा है। अब तक 76 हजार से अधिक किसानों को सोलर पंप वितरित किए जा चुके हैं। साथ ही, सभी सरकारी नलकूपों को भी सोलर से जोड़ने की योजना पर काम चल रहा है।

बुंदेलखंड आज योगी सरकार की हरित ऊर्जा और जल संरक्षण नीति का केंद्र बिंदु बन चुका है। खेतों में पानी और बिजली की खेती से न सिर्फ किसान आत्मनिर्भर हो रहे हैं, बल्कि पूरे प्रदेश को ऊर्जा के मामले में समृद्ध और स्थिर भविष्य की ओर ले जाया जा रहा है। खेत, तालाब और सौर ऊर्जा की त्रयी बुंदेलखंड को नई पहचान देने जा रही है—जहां खेतों से सिर्फ अन्न ही नहीं, बिजली भी उपजेगी।

Akash Yadav

आकाश यादव पिछले 9 सालों से पत्रकारिता कर रहे है, इन्होंने हिन्दी दैनिक अखबार अमरेश दर्पण से पत्रकारिता की शुरुआत की, इसके उपरांत टीवी मीडिया के ओर रुख मोड लिया, सबसे पहले सुदर्शन न्यूज, नेशन लाइव, ओके इंडिया, साधना एमपी/सीजी और बतौर लखनऊ ब्यूरो खबरें अभी तक न्यूज चैनल में कार्य करने के साथ सद्मार्ग साक्षी दैनिक अखबार में सहायक संपादक और कर्मक्षेत्र टीवी में बतौर संपादक कार्य कर रहे है !

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