भोजपुर के संस्कृत विद्यालयों को जल्द मिलेंगी पुस्तकें, शिक्षकों की शिकायत पर जिला प्रशासन ने लिया संज्ञान

रिपोर्ट: तारकेश्वर प्रसाद
आरा बिहार : भोजपुर जिले के संस्कृत विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। लंबे समय से पुस्तकों की कमी का सामना कर रहे इन विद्यालयों को अब जिला प्रशासन की ओर से पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी। शिक्षकों की शिकायत के बाद शिक्षा विभाग ने इस दिशा में ठोस कदम उठाया है।
भोजपुर जिले में कई अराजकीय मान्यता प्राप्त संस्कृत विद्यालय हैं, जो सरकारी सहायता प्राप्त हैं। इन विद्यालयों में पढ़ाई तो होती है, लेकिन वर्षों से छात्रों को पढ़ाई के लिए जरूरी पुस्तकें नहीं मिल पा रही थीं। इससे विद्यार्थियों को पढ़ने-लिखने में कठिनाई हो रही थी और शिक्षकों को भी पढ़ाने में परेशानी हो रही थी।
इस गंभीर समस्या को लेकर संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों ने कई बार प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से शिकायत की, लेकिन बार-बार आग्रह के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला। जब समस्या बनी रही और कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो नाराज़ होकर शिक्षकों ने जिले के वरिष्ठ अधिकारियों तक अपनी बात पहुँचाई।
विशेष रूप से मोआप कला संस्कृत विद्यालय द्वारा की गई शिकायत के बाद जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने जिले के सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि भोजपुर जिले के सभी अराजकीय मान्यता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों को कक्षा 1 से 8 तक की पाठ्यपुस्तकें जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जाएं।
दिया गया निर्देश यह भी कहता है कि यदि समय पर पुस्तकें वितरित नहीं की गईं, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस आदेश के बाद संस्कृत विद्यालयों में पढ़ रहे हजारों छात्रों को उम्मीद जगी है कि अब वे भी अन्य विद्यालयों की तरह पुस्तकें लेकर नियमित और बेहतर तरीके से पढ़ाई कर सकेंगे।
संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने और विद्यार्थियों को समान शैक्षणिक संसाधन देने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है। इससे ना केवल छात्रों को लाभ होगा, बल्कि शिक्षकों को भी पढ़ाने में सुविधा होगी और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि जिला प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन कितनी तत्परता से किया जाता है और कितनी जल्दी छात्रों तक पुस्तकें पहुँचाई जाती हैं।