भोजपुर में मॉडल टोला योजना: ग्रामीण विकास की दिशा में एक बड़ा और सराहनीय कदम

रिपोर्ट: तारकेश्वर प्रसाद
भोजपुर बिहार : भोजपुर जिला प्रशासन ने ग्रामीण विकास की दिशा में एक बड़ी और सराहनीय पहल की शुरुआत की है। इस योजना का नाम है “मॉडल टोला योजना”। इस योजना के तहत जिले के हर प्रखंड में एक-एक टोला को चुनकर उसे आदर्श और विकसित बनाया जाएगा। इस काम के लिए भोजपुर के जिलाधिकारी तनय सुल्तानिया ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र में एक टोला चिन्हित करें और उसे पूरी तरह से विकसित करें।
इस योजना का उद्देश्य है कि चुने गए टोलों को सभी जरूरी सुविधाओं से युक्त किया जाए। इसमें साफ-सफाई की व्यवस्था, शुद्ध पेयजल, शौचालय, पक्की सड़कें, बिजली, जल निकासी (नाली व्यवस्था), अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और महिलाओं की सुरक्षा जैसी बुनियादी चीजें शामिल हैं। जब कोई एक टोला इस तरह से विकसित होगा, तो वह अन्य टोलों के लिए उदाहरण बनेगा और उन्हें भी आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा।
इस योजना की सफलता के लिए प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं। जिलाधिकारी ने आदेश दिया है कि सभी नोडल अधिकारी और वरीय पदाधिकारी हर हफ्ते कम से कम एक टोले का निरीक्षण करें। इससे उन्हें ज़मीन पर चल रही योजनाओं की सही स्थिति का पता चलेगा। अगर कहीं कोई कमी होगी, तो उसे समय रहते ठीक किया जा सकेगा। साथ ही, अधिकारियों से यह भी अपेक्षा की गई है कि वे ग्रामीणों की बात सुनें, उनकी समस्याएं समझें और योजनाओं को स्थानीय ज़रूरतों के अनुसार ढालें।
इस योजना को और मजबूत बनाने के लिए डेटा का भी सहारा लिया जा रहा है। सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को कहा गया है कि वे अपने-अपने मॉडल टोलों की आवश्यकताओं का डाटा तैयार करें और उसे जिला विकास शाखा को भेजें। यह डाटा आगे चलकर राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं को बेहतर ढंग से लागू करने में मदद करेगा। इससे योजना सिर्फ कागजों पर नहीं रहेगी, बल्कि ज़मीन पर असली ज़रूरतों को पूरा करेगी।
इस योजना की सबसे बड़ी ताकत है “जनभागीदारी”। किसी भी योजना की सफलता तभी संभव है, जब उसमें आम जनता की भागीदारी हो। प्रशासन का मानना है कि पंचायत प्रतिनिधि, समाजसेवी, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, और खासकर स्थानीय युवा अगर इस योजना से जुड़ेंगे, तो इसका असर और भी गहरा होगा। जब समुदाय खुद अपने टोले को बेहतर बनाने में लगेगा, तब विकास स्थायी और सच्चा होगा।
मॉडल टोला योजना भोजपुर जिले में ग्रामीण विकास के लिए एक नई दिशा और उम्मीद लेकर आई है। अगर इसे पूरी ईमानदारी, पारदर्शिता और जनसहभागिता के साथ लागू किया गया, तो यह योजना न केवल भोजपुर के लिए, बल्कि पूरे बिहार राज्य के लिए एक उदाहरण बन सकती है। इससे न सिर्फ बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, बल्कि लोगों में जागरूकता, आत्मनिर्भरता और समाज के प्रति ज़िम्मेदारी की भावना भी विकसित होगी।
भविष्य में यदि यह योजना सफल होती है, तो बिहार के अन्य जिलों में भी इसे लागू किया जा सकता है। इस प्रकार, भोजपुर की यह पहल राज्य और देश के लिए एक सकारात्मक संदेश बन सकती है कि कैसे एक छोटे से टोले से पूरे समाज में बदलाव लाया जा सकता है।