आरा में ओबीसी छात्रावास के छात्रों ने किया जदयू एमएलसी श्रीभगवान सिंह कुशवाहा का विरोध, जबरन घुसने और चुनाव प्रभावित करने का आरोप

Report By : तारकेश्वर प्रसाद
आरा बिहार : बिहार के भोजपुर जिले के आरा शहर स्थित जीरो माइल पर बने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) छात्रावास में सोमवार को उस समय हंगामा मच गया जब जदयू के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) श्रीभगवान सिंह कुशवाहा बिना सूचना के छात्रावास पहुंचे। छात्रावास में उस समय छात्र नायक का चुनाव हो रहा था, जिसके लिए जिला कल्याण पदाधिकारी ने एक दिन पहले ही तारीख तय की थी और इसकी जानकारी छात्रों को दे दी गई थी।
चुनाव की प्रक्रिया के लिए छात्रावास अधीक्षक और कर्मचारी सुबह ही पहुंच चुके थे। प्रक्रिया शुरू ही हुई थी कि उसी दौरान जदयू एमएलसी श्रीभगवान सिंह कुशवाहा अपने कई साथियों के साथ छात्रावास परिसर में आ गए। छात्रों का आरोप है कि उन्होंने छात्रावास में घुसकर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की और अपने पसंदीदा उम्मीदवार को जिताने के लिए दबाव बनाया।
छात्रों का यह भी कहना है कि एमएलसी ने छात्रों में आपसी मतभेद पैदा करने की कोशिश की और जिला कल्याण पदाधिकारी पर भी दबाव बनाने लगे। जब छात्रों ने इसका विरोध किया तो माहौल गर्म हो गया। इसके बाद छात्रों ने एकजुट होकर श्रीभगवान सिंह कुशवाहा का जोरदार विरोध किया और उन्हें छात्रावास परिसर से खदेड़ दिया।
छात्रों ने बताया कि यह पहली बार नहीं है जब एमएलसी ने ऐसा व्यवहार किया है। पहले भी वह जनता और छात्रों के साथ विश्वासघात कर चुके हैं। छात्रों का कहना है कि ओबीसी छात्रावास की हालत बहुत ही खराब है। इस छात्रावास का आवंटन 2023 में हुआ था, लेकिन अब तक सड़क निर्माण नहीं हुआ है। भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है और मूलभूत सुविधाएं न के बराबर हैं।
छात्रों के अनुसार, छात्रावास में दो वॉटर कूलर हैं, लेकिन दोनों पिछले छह महीनों से खराब पड़े हैं। गर्मी के मौसम में पीने के पानी के लिए भी छात्रों को बहुत परेशानी होती है। इसके अलावा न खेल सामग्री उपलब्ध है और न ही किताबें। छात्रावास की सफाई के लिए भी कोई संसाधन नहीं मिलते। लंबे समय से कोई सफाईकर्मी नहीं आया है। छात्रावास की स्थिति नारकीय बन चुकी है।
छात्रों का आरोप है कि प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है और नेताओं की दखलंदाजी से छात्रों की पढ़ाई और वातावरण दोनों प्रभावित हो रहे हैं। यह छात्रावास शाहाबाद क्षेत्र का इकलौता 100 बेड वाला ओबीसी छात्रावास है, लेकिन सुविधाओं के अभाव में यहां रहना भी मुश्किल होता जा रहा है।
छात्रों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि छात्रावास की हालत जल्द से जल्द सुधारी जाए, वॉटर कूलर को ठीक किया जाए, खेल सामग्री और पुस्तकें दी जाएं, साथ ही साफ-सफाई की उचित व्यवस्था की जाए। साथ ही यह भी मांग की गई है कि नेताओं की अनुचित दखलंदाजी पर रोक लगाई जाए ताकि छात्र शांति से रहकर अपनी पढ़ाई कर सकें।
इस पूरी घटना ने सरकार के विकास के दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर सरकार विकास की बात करती है, दूसरी ओर हकीकत यह है कि छात्रों को पीने का पानी तक नसीब नहीं है। जदयू एमएलसी द्वारा किया गया अभद्र व्यवहार और चुनाव में हस्तक्षेप लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है, जिसे छात्र कभी स्वीकार नहीं करेंगे।