यूपी सरकार का महत्वाकांक्षी लक्ष्य: 2030 तक कृषि निर्यात को तीन गुना बढ़ाने की योजना


उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है, जिसका उद्देश्य 2030 तक राज्य के कृषि निर्यात को तीन गुना बढ़ाना है।  इस योजना के तहत, कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए विभिन्न पहल की जा रही हैं, जिनमें ‘यूपी एग्रीज’ परियोजना प्रमुख है

यूपी एग्रीज: किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए मील का पत्थर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘उत्तर प्रदेश एग्रीकल्चर ग्रोथ एंड एंटरप्राइज इकोसिस्टम स्ट्रेंथनिंग’ (यूपी एग्रीज) परियोजना की शुरुआत की है।  इस परियोजना का उद्देश्य प्रमुख फसलों की उत्पादकता में वृद्धि, विशिष्ट कृषि उत्पादों को बढ़ावा देना, और फसल प्रबंधन एवं बाजार समर्थन प्रणाली को विकसित करना है।  इस परियोजना के लिए 4,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जिसमें से 2,737 करोड़ रुपये का ऋण विश्व बैंक से प्राप्त हुआ है और 1,166 करोड़ रुपये राज्य सरकार ने अंशदान के रूप में दिए हैं।  यह परियोजना छह वर्षों तक चलेगी और 2024-25 से 2029-30 तक लागू रहेगी। 

निर्यात में अभूतपूर्व वृद्धि

उत्तर प्रदेश ने कृषि उत्पादों के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि की है।  वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य का कृषि निर्यात 22,528.56 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष के 18,991.43 करोड़ रुपये से 18.62% अधिक है।  इसमें फल और सब्जियों का निर्यात 475%, गेहूं का 144.85%, प्रसंस्कृत फलों का 44.45%, और बासमती चावल का निर्यात 33.63% बढ़ा है।  इसके अलावा, आम, भैंस का मांस, और शहद जैसे उत्पादों का भी निर्यात बढ़ा है। 

वैश्विक बाजारों में विस्तार

राज्य सरकार ने नए विदेशी बाजारों की पहचान की है और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का उत्पादन सुनिश्चित किया है।  वाराणसी से लंदन और यूरोप के अन्य देशों को ताजी सब्जियां और आम भेजे जा रहे हैं, जबकि दुबई और खाड़ी देशों को भी निर्यात शुरू किया गया है।  चंदौली से ऑस्ट्रेलिया को काला चावल, मिर्जापुर से सेनेगल को चावल, और हाथरस से न्यूजीलैंड को मक्खन का निर्यात किया गया है। 


जेवर एयरपोर्ट से निर्यात को मिलेगा पंख

राज्य सरकार ने जेवर एयरपोर्ट के निर्माण को प्राथमिकता दी है, जो कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देगा।  मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि एयरपोर्ट के चालू होने से कृषि उत्पादों के निर्यात में और तेजी आएगी। 




निर्यात में यूपी की स्थिति

वित्तीय वर्ष 2023-24 में उत्तर प्रदेश ने कृषि निर्यात में तीसरा स्थान प्राप्त किया है, जबकि पिछले वर्ष यह पांचवे स्थान पर था।  इससे पहले, गुजरात और महाराष्ट्र क्रमशः पहले और दूसरे स्थान पर थे।  उत्तर प्रदेश की निर्यात वृद्धि ने राज्य को कृषि निर्यात में महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। 


2030 तक निर्यात को तीन गुना बढ़ाने का लक्ष्य

योगी सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक राज्य के कृषि निर्यात को तीन गुना बढ़ाकर 60,000 करोड़ रुपये तक पहुंचाया जाए।  इसके लिए सरकार ने पांच वर्षों का रोडमैप तैयार किया है, जिसमें दुग्ध उत्पाद, प्रोसेस्ड मीट, और अन्य कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने की योजना है।  इसके तहत 22 देशों में उत्पादों की ब्रांडिंग और प्रमोशन किया जाएगा। 


इस प्रकार, योगी सरकार की योजनाओं और प्रयासों से उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात के क्षेत्र में एक नई दिशा में अग्रसर हो रहा है, जो न केवल किसानों की आय में वृद्धि करेगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा।

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