चौराई गांव में माता काली एवं दुर्गा की प्राण-प्रतिष्ठा: श्री लक्ष्मीप्रपन्न जीयर स्वामी जी के सानिध्य में हो रहा भव्य यज्ञ आयोजन


रिपोर्ट: तारकेश्वर प्रसाद, आरा

उदवंतनग: भोजपुर जिले के उदवंतनगर प्रखंड अंतर्गत चौराई गांव इस समय आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण है। यहां एक भव्य आयोजन के तहत माता काली और मां दुर्गा की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ-साथ श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ का शुभारंभ हुआ है। इस विशाल आयोजन का नेतृत्व कर रहे हैं संत श्री त्रिदण्डी स्वामी जी महाराज के शिष्य पूज्य श्री लक्ष्मीप्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज, जिनके सानिध्य में पूरा क्षेत्र भक्ति और ज्ञान के रस में सराबोर हो गया है।

मई 12 तक चलेगा यज्ञ, पूर्णाहुति के साथ होगा समापन

यह अद्वितीय आयोजन 5 मई से शुरू होकर 12 मई तक चलेगा। यज्ञ की पूर्णाहुति 12 मई को होगी। इस दौरान प्रतिदिन प्रवचन, हवन, कीर्तन और भजन के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। पूज्य श्री जीयर स्वामी जी महाराज 6 मई को यज्ञस्थल पहुंचे और 12 मई तक वहीं विराजमान रहेंगे।

इस आयोजन में लाखों श्रद्धालुओं की सहभागिता अपेक्षित है। यज्ञस्थल को आकर्षक रूप से सजाया गया है और सभी व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी यज्ञ समिति ने संभाल रखी है। समिति के अध्यक्ष श्री जनेश पांड की अगुवाई में सैकड़ों कार्यकर्ता सेवा-भाव से जुटे हैं।

ज्ञान यज्ञ और प्रवचन से गूंज रहा चौराई गांव

यज्ञ के दौरान आचार्य धर्मेंद्र जी महाराज और श्री बैकुंठ नाथ स्वामी जी द्वारा प्रतिदिन प्रवचन हो रहा है। आचार्य धर्मेंद्र जी ने कहा,

> “ईश्वर का स्मरण करना जीवन के सभी कष्टों को हर लेता है। हमें हर परिस्थिति में ईश्वर को याद करते रहना चाहिए। किसी भी जीव की हत्या नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह आत्मा के मोक्ष में बाधक बनती है।”



उन्होंने यह भी कहा कि मनुष्य को मर्यादा में रहकर जीवन जीना चाहिए, क्योंकि मर्यादा ही जीवन की सबसे बड़ी पहचान है। मर्यादा का पालन करने वाला व्यक्ति धर्म और सत्य के मार्ग पर चलता है और लक्ष्मी-नारायण की कृपा का पात्र बनता है।

मर्यादा, त्याग और प्रेम का संदेश

स्वामी जी महाराज ने अपने उपदेशों में जीवन में मर्यादा, त्याग, और सद्भावना को सबसे महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा:

“जो अपने माता-पिता, गुरुजनों और समाज का आदर करता है, वह ईश्वर की कृपा का पात्र बनता है। एक भाई के साथ बेईमानी कर यदि कोई मंदिर में जाकर कबूतरों को दाना भी डाले, तो उसका कोई लाभ नहीं होता।”



उन्होंने भगवान भरत के चरित्र को जीवन में अपनाने का संदेश दिया और समाज को आपसी प्रेम और सेवा भाव से जीने की प्रेरणा दी।

भव्य मंदिर में प्रतिष्ठापित होंगी मां काली और मां दुर्गा की प्रतिमाएँ

इस आयोजन का सबसे विशेष पहलू है नवनिर्मित मंदिर में मां काली और मां दुर्गा की प्रतिमाओं की प्राण-प्रतिष्ठा। संतों और विद्वान आचार्यों की देखरेख में सभी वैदिक विधियों के अनुसार यह कार्य सम्पन्न होगा। प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान पूरे क्षेत्र में आध्यात्मिक चेतना का संचार होगा।

उल्लेखनीय उपस्थिति

इस आयोजन में स्थानीय ग्रामवासियों के साथ-साथ दूर-दराज़ से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। आयोजन स्थल पर जयशंकर पांडे, हॉर जी तिवारी, गणेश पांडे सहित कई अन्य गणमान्य उपस्थित रहे और आयोजन की व्यवस्थाओं में सहयोग कर रहे हैं।



चौराई गांव का यह आयोजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सामाजिक और आध्यात्मिक पुनर्जागरण का माध्यम बन गया है। यह यज्ञ, प्राण-प्रतिष्ठा और प्रवचन कार्यक्रम भक्ति, सेवा, और मर्यादा का संगम है, जो जनमानस में सद्भाव, संयम और धर्म के महत्व को पुनर्स्थापित कर रहा है।

आरा जिला और सम्पूर्ण भोजपुर इस आयोजन पर गर्व करता है, और आने वाले दिनों में ऐसे कार्यक्रम समाज के लिए पथ-प्रदर्शक साबित होंगे।

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