अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सदर अस्पताल आरा में भव्य योग शिविर का आयोजन

रिपोर्ट: तारकेश्वर प्रसाद, आरा (बिहार)

आरा:अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भोजपुर जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल, आरा परिसर में शुक्रवार को एक भव्य योग शिविर का आयोजन किया गया। इस मौके पर जिले के प्रशासनिक अधिकारियों, चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों और स्थानीय नागरिकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया और योग की विभिन्न विधाओं का अभ्यास किया।

दीप प्रज्वलन से हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत जिलाधिकारी भोजपुर श्री तनय सुल्तानिया, सिविल सर्जन भोजपुर एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर की गई। इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य अतिथियों ने योग की महत्ता पर प्रकाश डाला और आमजन को योग को जीवनशैली में शामिल करने के लिए प्रेरित किया।

जिलाधिकारी श्री तनय सुल्तानिया ने अपने संबोधन में कहा कि, “भारत ही नहीं, बल्कि आज पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रही है। भारत ने योग को वैश्विक स्तर पर एक सॉफ्ट पावर के रूप में स्थापित किया है। इस वर्ष 191 देशों के 1,300 शहरों में योग से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जो भारत की प्राचीन परंपरा और सौम्य शक्ति को दर्शाते हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि योग न केवल शरीर को स्वस्थ रखने का माध्यम है, बल्कि यह मन और आत्मा को भी शुद्ध करता है। वैदिक काल से योग भारतीय जीवन संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है और आज यह मानवता की साझी विरासत बन चुका है।

जिलाधिकारी ने उपस्थित जनसमूह से अपील की कि प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन कम-से-कम एक घंटा अपने शरीर और समाज के लिए देना चाहिए। यह एक घंटा न केवल आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगा, बल्कि समाज में सकारात्मकता और ऊर्जा का भी संचार करेगा।

योग प्रशिक्षकों ने सिखाए उपयोगी आसन
इस योग शिविर में योग प्रशिक्षकों ने अनुलोम-विलोम, कपालभाति, ताड़ासन, भुजंगासन, त्रिकोणासन, वज्रासन आदि योगासन सिखाए। प्रशिक्षण सत्र में यह भी बताया गया कि किस तरह योग को रोजमर्रा की दिनचर्या में शामिल कर जीवन को तनावमुक्त और ऊर्जावान बनाया जा सकता है।

सिविल सर्जन भोजपुर सहित चिकित्सा पदाधिकारियों ने कार्यक्रम में सक्रिय सहभागिता दिखाई। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने भी पूरे समर्पण के साथ शिविर को सफल बनाने में योगदान दिया। आयोजन स्थल पर प्राथमिक चिकित्सा, जलपान और योग सामग्री की भी समुचित व्यवस्था की गई थी।

योग शिविर में स्थानीय नागरिकों, महिलाओं, युवाओं और स्वास्थ्यकर्मियों की उल्लेखनीय भागीदारी देखने को मिली। यह जनसहभागिता इस बात की गवाही देती है कि लोग अब स्वास्थ्य और आत्मिक शांति के महत्व को समझने लगे हैं।

Related Articles

Back to top button