स्टांप चोरी मामले में अब्दुल्ला आज़म की मुश्किलें बढ़ीं, ₹4.64 करोड़ की आरसी जारी प्रशासन ने सख्त कार्रवाई के संकेत दिए

Report By: उत्तर प्रदेश डेस्क
रामपुर:समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान और उनके परिवार की कानूनी परेशानियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अब उनके बेटे और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आज़म के खिलाफ स्टांप शुल्क चोरी के एक बड़े मामले में प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। इस मामले में अब्दुल्ला आज़म पर ₹4.64 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है, जिसे अब तक जमा न करने पर प्रशासन ने उनके खिलाफ रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) जारी कर दी है।
क्या है मामला?
अब्दुल्ला आज़म पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2019 और 2022 के दौरान खरीदी गई ज़मीनों की रजिस्ट्री में स्टांप ड्यूटी चोरी की। विशेष रूप से 2022 में घाटमपुर-बेनजीर क्षेत्र में करीब डेढ़ हेक्टेयर ज़मीन की खरीद-फरोख्त के दौरान यह अनियमितता सामने आई थी। प्रशासन द्वारा की गई जांच में यह पाया गया कि स्टांप शुल्क में भारी गड़बड़ी की गई और करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ।
डीएम कोर्ट ने लगाया जुर्माना
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 2023 में तत्कालीन एसडीएम ने डीएम को इस मामले की रिपोर्ट भेजी थी। इसके बाद डीएम कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। अप्रैल 2024 में अदालत ने अब्दुल्ला आज़म को स्टांप चोरी का दोषी मानते हुए ₹4.64 करोड़ का अर्थदंड लगाया था। अदालत ने यह राशि 30 दिनों के भीतर जमा करने का आदेश दिया था।
हालांकि, आदेश की अवधि समाप्त होने के बावजूद अब्दुल्ला आज़म द्वारा यह जुर्माना जमा नहीं किया गया। इसके चलते एडीएम (वित्त एवं राजस्व) ने अब उनके खिलाफ आरसी जारी करते हुए वसूली की प्रक्रिया आरंभ कर दी है।
जुर्माने के साथ अतिरिक्त शुल्क भी लगेगा
आरसी जारी करने के साथ-साथ प्रशासन ने जुर्माने की राशि के अतिरिक्त 10% प्रशासनिक शुल्क भी लगाने का निर्णय लिया है। इसका मतलब है कि अब्दुल्ला आज़म को कुल ₹5.10 करोड़ से अधिक की राशि जमा करनी होगी।
कई मुकदमों में फंसे हैं अब्दुल्ला आज़म
गौरतलब है कि अब्दुल्ला आज़म हाल ही में हरदोई जेल से जमानत पर रिहा हुए हैं। उन पर कई आपराधिक मुकदमे पहले से ही दर्ज हैं। अब स्टांप चोरी के इस मामले ने उनकी मुश्किलों को और बढ़ा दिया है। प्रशासन की ओर से संकेत दिए गए हैं कि यदि जुर्माना जल्द जमा नहीं किया गया, तो कुर्की जैसी सख्त कार्रवाई भी हो सकती है।
राजनीतिक असर
इस पूरे प्रकरण का राजनीतिक असर भी दिख सकता है, क्योंकि अब्दुल्ला आज़म समाजवादी पार्टी के युवा चेहरों में गिने जाते हैं। उनके खिलाफ लगातार कानूनी कार्रवाइयों ने पार्टी के भीतर और बाहर हलचल बढ़ा दी है। हालांकि, समाजवादी पार्टी की ओर से अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।