कोइलवर में नया रेलवे पुल निर्माण को लेकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई तेज़, लोगों में चिंता

Report By: तारकेश्वर प्रसाद

आरा भोजपुर : बिहार के भोजपुर जिले में स्थित कोइलवर स्टेशन पर एक बार फिर से विकास और विस्थापन की टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। रेलवे द्वारा सोन नदी पर नया रेलवे पुल बनाए जाने की योजना को लेकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई तेज़ कर दी गई है। इसको लेकर स्थानीय लोगों में डर और चिंता का माहौल है।

यह नया पुल, हावड़ा-दिल्ली रेल मार्ग पर अब्दुल बारी पुराने रेल पुल के समांतर बनाया जाएगा। अब्दुल बारी पुल 1862 में अंग्रेजों के शासनकाल में बनाया गया था और अब उसकी हालत जर्जर हो चुकी है। रेलवे का कहना है कि सुरक्षा और यातायात के दबाव को देखते हुए नया पुल बनाना बहुत जरूरी हो गया है।

रेलवे प्रशासन ने कोइलवर स्टेशन के उत्तर दिशा में 234 फीट और दक्षिण दिशा में 237 फीट भूमि पर अतिक्रमण चिह्नित किया है। इन क्षेत्रों में बसे लोगों को 3 जुलाई 2025 तक स्वयं अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया है। इस संबंध में रेलवे ने स्टेशन परिसर और आसपास की बस्तियों में सार्वजनिक नोटिस चिपका दिया है।

नोटिस में यह भी लिखा गया है कि अगर तय समय के भीतर अतिक्रमण नहीं हटाया गया, तो प्रशासन बलपूर्वक कार्रवाई करेगा।

इस निर्णय से स्थानीय लोग नाराज और परेशान हैं। उनका कहना है कि उन्हें पहले से कोई जानकारी नहीं दी गई थी। अचानक नोटिस मिलने से सभी लोग परेशान हैं और समझ नहीं पा रहे हैं कि अब उन्हें क्या करना चाहिए।

कोइलवर के निवासी राजू यादव ने बताया, “हम कई वर्षों से यहां रह रहे हैं। कभी किसी ने नहीं टोका, अब अचानक हटाने का आदेश मिल गया है। हम जाएं तो जाएं कहां?”

यहां कई लोगों के मकान, दुकानें, मंदिर और पुराने निर्माण हैं, जो अब खतरे में हैं। लोगों को डर है कि कहीं उन्हें उजाड़ न दिया जाए और कहीं उन्हें कोई विकल्प या मुआवज़ा न मिले।

रेलवे का कहना है कि यह विकास कार्य जनहित में है। एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने बताया कि पुराने पुल की हालत खराब हो चुकी है और नए पुल के बिना रेल सेवा बाधित हो सकती है। इसलिए अतिक्रमण हटाना जरूरी हो गया है।

अब यह मामला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के लिए चुनौती बन गया है। समाजसेवी और स्थानीय नेता मांग कर रहे हैं कि अतिक्रमण हटाने से पहले लोगों को रहने के लिए वैकल्पिक स्थान दिया जाए और उचित मुआवज़ा दिया जाए, ताकि किसी भी परिवार को परेशानी न हो।

इस घटना से यह साफ होता है कि विकास और विस्थापन साथ-साथ चलते हैं, लेकिन जरूरी है कि इन दोनों के बीच संतुलन बना रहे। विकास हो, लेकिन किसी नागरिक के साथ अन्याय न हो।

कोइलवर में नया रेलवे पुल बिहार के विकास के लिए एक बड़ी योजना है, लेकिन इसके साथ-साथ लोगों का पुनर्वास और सुरक्षा भी जरूरी है। सरकार, रेलवे और जिला प्रशासन से अपील की जाती है कि वे इस मामले को संवेदनशीलता के साथ देखें और प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द पुनर्वास और मुआवज़ा प्रदान करें, ताकि यह परियोजना सफल और सभी के लिए स्वीकार्य बन सके।

Mukesh Kumar

मुकेश कुमार पिछले 3 वर्ष से पत्रकारिता कर रहे है, इन्होंने सर्वप्रथम हिन्दी दैनिक समाचार पत्र सशक्त प्रदेश, साधना एमपी/सीजी टीवी मीडिया में संवाददाता के पद पर कार्य किया है, वर्तमान में कर्मक्षेत्र टीवी वेबसाईट में न्यूज इनपुट डेस्क पर कार्य कर रहे है !

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