आइसा और इंकलाबी नौजवान सभा ने पहलगाम शहीदों को दी श्रद्धांजलि, आरा में निकाला आक्रोश मार्च

रिपोर्ट: तारकेश्वर प्रसाद, आरा


जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष पर्यटकों को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से छात्र संगठन आइसा (AISA) और इंकलाबी नौजवान सभा (RYA) द्वारा भोजपुर के आरा रेलवे स्टेशन परिसर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इसके साथ ही सरकार की कश्मीर नीति और अमेरिका के साथ हो रहे संबंधों पर सवाल उठाते हुए एक आक्रोश मार्च भी निकाला गया।

पहलगाम आतंकी हमले पर गहरा दुख, आतंक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हो गए। श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने इस जघन्य घटना की कड़ी निंदा की और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की।

सभा को संबोधित करते हुए RYA के राज्य सचिव सह अगिआंव विधायक ने कहा कि यह घटना सरकार के ‘नॉर्मल कश्मीर’ के दावे की सच्चाई उजागर करती है। इतनी भारी सैन्य उपस्थिति के बावजूद आतंकी घटनाएं हो रही हैं, जो सरकार की विफलता को दर्शाती हैं।

मोदी सरकार की विदेश नीति और कश्मीर नीति पर उठे सवाल

सभा में वक्ताओं ने अमेरिका की विदेश नीति और फिलिस्तीन में हो रहे जनसंहार पर भारत की चुप्पी को लेकर भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार अमेरिका की धमकियों और व्यापारिक दबावों के सामने झुक गई है। वहीं, फिलिस्तीन में हो रहे अत्याचारों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खामोशी भी चिंताजनक है।

इंसाफ मंच के राज्य सचिव कयामुद्दीन अंसारी

ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भले ही ट्रंप के साथ ‘दोस्ती’ का दावा करें, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने भारत के साथ अपमानजनक व्यवहार किया है—भारतीय छात्रों को अवैध बताकर हिरासत में लिया जा रहा है, जो पूरी तरह अमानवीय है।

भाजपा पर सांप्रदायिक एजेंडा चलाने का आरोप

सभा में यह भी कहा गया कि भाजपा सरकार इस त्रासदी का इस्तेमाल सांप्रदायिक नफरत फैलाने के लिए कर रही है। सोशल मीडिया पर हमले के बाद जारी विभाजनकारी पोस्ट और बयान इसकी पुष्टि करते हैं। सभा में वक्ताओं ने कहा कि जब देश को एकजुटता की ज़रूरत है, भाजपा नफरत का ज़हर घोल रही है।

माकपा (माले) के जिला सचिव अमित कुमार बंटी

ने कहा कि इस कठिन समय में विभाजनकारी राजनीति को नाकाम करना हर जिम्मेदार नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे आतंक और नफरत के खिलाफ मिलकर खड़े हों।

मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए इस्तीफे की मांग

आइसा भोजपुर जिला सह सचिव रौशन कुशवाहा ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में सबसे अधिक आतंकी हमले हुए हैं—बालाकोट, उरी, पुलवामा और अब पहलगाम। पुलवामा हमले के 6 वर्ष बाद भी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई। उन्होंने कहा कि इतनी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद आतंकी भारत में कैसे घुस आते हैं, इसकी जवाबदेही लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए।



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