जिलाधिकारी मऊ की पहल से अमृता को मिला नया जीवन: निःशुल्क ऑपरेशन से सुनने की शक्ति हुई संभव


रिपोर्ट: आसिफ अंसारी

मऊ: जनसेवा और मानवीयता का एक प्रेरणादायी उदाहरण शनिवार को सामने आया, जब मऊ जनपद के जिलाधिकारी श्री कौशलराज शर्मा की विशेष पहल पर जन्मजात बहरेपन से पीड़ित अमृता प्रजापति नामक 6 वर्षीय बच्ची को जीवन का नया अवसर मिला। नसीराबाद कला, ब्लॉक रतनपुरा की निवासी अमृता का कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी सफलतापूर्वक बीएचयू, वाराणसी में संपन्न हुआ और अब वह सुन सकने में सक्षम हो गई है।

समाज की चुप्पी में जागी उम्मीद की आवाज़

अमृता प्रजापति, पुत्री श्री मदन प्रजापति और श्रीमती अनिता प्रजापति, जन्म से ही सुनने में असमर्थ थी। सीमित संसाधनों और आर्थिक कठिनाइयों के चलते परिवार इस जटिल और महंगे इलाज को संभव नहीं बना पा रहा था। लेकिन जिलाधिकारी मऊ की संवेदनशीलता और तत्परता से अमृता का इलाज संभव हुआ।

जिलाधिकारी महोदय ने न केवल मामले को गंभीरता से लिया, बल्कि CSR (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड के माध्यम से इसका संपूर्ण खर्च वहन करवाया। बीएचयू वाराणसी में सफल ऑपरेशन के बाद अमृता अब सामान्य बच्चों की तरह जीवन जीने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

ऑपरेशन के बाद बच्ची से मुलाकात, मिला उपहार और प्रेरणा

शनिवार को अमृता अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर लौटी, जिसके पश्चात जिलाधिकारी कार्यालय में जिलाधिकारी महोदय ने बच्ची और उसके परिवार से भेंट की। उन्होंने बच्ची की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी ली और भविष्य में उसकी चिकित्सा और पुनर्वास प्रक्रिया पर भी चर्चा की।

इस अवसर पर बच्ची को उपहार देकर उसका उत्साहवर्धन किया गया और स्पीच थेरेपी के महत्त्व के बारे में जानकारी दी गई, ताकि वह अब सुनने के साथ बोलने की कला भी सीख सके।

परिवार में खुशी और प्रशासन के प्रति आभार

बच्ची के माता-पिता ने जिलाधिकारी महोदय के प्रति गहरा आभार प्रकट किया, जिनके प्रयासों से यह असंभव कार्य संभव हो पाया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक ऑपरेशन नहीं, बल्कि पूरे परिवार के लिए नया जीवन है। साथ ही, अब वे समाज के अन्य ऐसे परिवारों को भी जागरूक करेंगे, जिनके बच्चे इस प्रकार की बीमारी से पीड़ित हैं।

प्रशासनिक अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति

इस प्रेरणादायी अवसर पर कई प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित रहे, जिनमें RBSK नोडल अधिकारी डॉ. बी. के. यादव, DEIC मैनेजर अरविंद वर्मा, डॉ. एस. के. पांडेय, डॉ. लल्लन राय, डॉ. शगुफ्ता जफर, और योगेंद्र जी सम्मिलित थे। सभी ने जिलाधिकारी महोदय को सम्मानपूर्वक पुष्पगुच्छ (बुके) भेंट कर धन्यवाद ज्ञापित किया।

एक पहल, अनेक उम्मीदें

जिलाधिकारी मऊ की यह मानवीय पहल अब अन्य जरूरतमंद बच्चों के लिए भी एक मार्गदर्शक बन रही है। यह उदाहरण प्रशासनिक इच्छाशक्ति और संवेदनशीलता के मिलन से कैसे आम जनमानस के जीवन में परिवर्तन लाया जा सकता है, इसका जीवंत प्रमाण है।

इस प्रयास के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी और जनसामान्य को यह संदेश मिलेगा कि शासन और प्रशासन यदि संवेदनशील हो, तो कोई भी समस्या असंभव नहीं।

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