अनिरुद्धाचार्य बोले – भारत को POK पर कब्जा कर लेना चाहिए: “अगर प्लानिंग के साथ काम करें तो सफलता निश्चित है”



नई दिल्ली: आध्यात्मिक गुरु अनिरुद्धाचार्य जी महाराज ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत को अब निर्णायक कदम उठाते हुए POK पर कब्जा कर लेना चाहिए। उनका मानना है कि यदि योजनाबद्ध तरीके से काम किया जाए, तो भारत इस लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी सेना पूरी तरह सक्षम है और जब भी जरूरत पड़ी है, उन्होंने दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया है।

POK भारत का अभिन्न हिस्सा है” – अनिरुद्धाचार्य

अनिरुद्धाचार्य जी ने अपने संबोधन में कहा, “POK कोई पराया क्षेत्र नहीं है, यह भारत का ही हिस्सा है जिसे आज भी अवैध रूप से पाकिस्तान के कब्जे में रखा गया है। हमें अब केवल प्रतीक्षा करने की नहीं, बल्कि साहसिक कदम उठाने की आवश्यकता है।”

उन्होंने यह भी कहा कि भारत की सेना विश्व की सबसे मजबूत सेनाओं में से एक है और यदि उसे राजनीतिक समर्थन व सटीक योजना मिले, तो कोई ताकत हमें POK वापस लेने से नहीं रोक सकती।

सेना की ताकत का किया उल्लेख

गुरुजी ने कहा कि “हमारी सेना ने हर बार यह साबित किया है कि वे देश की रक्षा के लिए पूरी तरह समर्पित हैं। चाहे कारगिल युद्ध हो, सर्जिकल स्ट्राइक या फिर बालाकोट एयर स्ट्राइक—हर बार हमारे जवानों ने दुश्मन को उसकी औकात दिखाई है।”

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देते हुए सटीक रणनीति बनानी चाहिए, ताकि POK को फिर से भारत में सम्मिलित किया जा सके।

सिर्फ राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है”

अनिरुद्धाचार्य जी महाराज ने यह भी कहा कि इस मिशन को अंजाम तक पहुंचाने के लिए केवल सेना की नहीं, बल्कि राजनीतिक नेतृत्व की भी दृढ़ इच्छाशक्ति होनी चाहिए। उन्होंने यह बात भी स्पष्ट की कि भारत की जनता का मनोबल इस दिशा में पहले से ही मजबूत है, बस अब नेतृत्व को पहल करनी चाहिए।

जनता में बढ़ा उत्साह

अनिरुद्धाचार्य जी के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों और राष्ट्रवादियों में उत्साह देखा जा रहा है। लोग इस विचार को समर्थन दे रहे हैं कि भारत को अब POK को लेकर कोई कड़ा फैसला लेना चाहिए।



गुरु अनिरुद्धाचार्य जी महाराज का यह बयान भारत की जनता और शासन व्यवस्था के लिए एक स्पष्ट संदेश है—अब समय आ गया है कि हम अपने खोए हुए हिस्से को वापस लें। उनकी बातों से यह स्पष्ट होता है कि अगर हम संगठित होकर योजना के साथ आगे बढ़ें, तो POK को फिर से भारत में शामिल करना कोई असंभव कार्य नहीं है।

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