माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की मनमानी और रसोई गैस की बेतहाशा वृद्धि के खिलाफ ऐपवा का आक्रोश, भोजपुर में किया जोरदार प्रदर्शन

रिपोर्ट: तारकेश्वर प्रसाद, आरा, बिहार
माइक्रोफाइनेंस कंपनियों की मनमानी और रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि के खिलाफ अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) ने शुक्रवार को भोजपुर जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया। यह विरोध-प्रदर्शन ऐपवा की भोजपुर इकाई द्वारा आठ सूत्रीय मांगों को लेकर आयोजित किया गया था, जिसमें जिले भर से सैकड़ों महिलाओं ने भाग लिया।
प्रदर्शन की शुरुआत भाकपा-माले जिला कार्यालय श्रीटोला, आरा से हुई, जो शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए भोजपुर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा। वहां पहुंचने के बाद जिलाधिकारी कार्यालय के गेट के समक्ष एक जनसभा का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता ऐपवा नगर अध्यक्ष शोभा मंडल ने की।
महिलाओं की आवाज़ – कर्ज, महंगाई और अपमान का दंश
सभा को संबोधित करते हुए ऐपवा जिला सचिव इंदू सिंह ने कहा कि, “बिहार की मेहनतकश महिलाओं की स्थिति लगातार बदतर होती जा रही है। महंगाई चरम पर है, आमदनी घट रही है और स्वास्थ्य व शिक्षा जैसे बुनियादी क्षेत्रों का निजीकरण हो रहा है। ऐसे में गरीब महिलाएं अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए कर्ज लेने को मजबूर हैं।“
उन्होंने कहा कि जीविका समूहों के जरिये महिलाओं को थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन अब माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की बढ़ती मनमानी ने उनकी परेशानियों को और बढ़ा दिया है। इन कंपनियों द्वारा ऊँचे ब्याज दरों पर कर्ज दिया जाता है, जिससे महिलाएं एक के बाद एक कर्ज के जाल में फंसती चली जाती हैं।
इंदू सिंह ने आरोप लगाया कि इन कर्ज कंपनियों की वसूली प्रक्रिया अमानवीय है। महिलाओं को धमकाया जाता है, मानसिक प्रताड़ना दी जाती है और सामाजिक रूप से अपमानित किया जाता है। कई मामलों में महिलाएं आत्महत्या या घर छोड़कर भागने जैसे खतरनाक कदम उठाने को मजबूर हो रही हैं।
रसोई गैस के दामों ने बढ़ाई परेशानी
सभा में मौजूद ऐपवा नगर सचिव संगीता सिंह ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, “मोदी सरकार के कार्यकाल में महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ दी है। हाल ही में ₹50 की वृद्धि के साथ रसोई गैस सिलेंडर की कीमतें फिर से बढ़ा दी गई हैं।“
उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों के दाम पहले से ही बढ़े हुए हैं और अब गैस के दामों ने महिलाओं की रसोई चलाना मुश्किल कर दिया है। “सरकार को जनता की परेशानी नहीं दिखती, वो केवल सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति कर सत्ता पर काबिज रहना चाहती है,” उन्होंने आरोप लगाया।
संविधान विरोधी कानूनों का विरोध
प्रदर्शन के दौरान वक्फ संशोधन कानून का भी विरोध किया गया। ऐपवा नेताओं ने कहा कि यह कानून संविधान विरोधी है और गरीब मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने वाला कदम है। उन्होंने मांग की कि इस कानून को अविलंब रद्द किया जाए।
प्रदर्शन में शामिल रहीं प्रमुख महिलाएं
इस विरोध प्रदर्शन में जिला व नगर स्तरीय ऐपवा कार्यकर्ताओं के साथ सैकड़ों महिलाएं शामिल हुईं, जिनमें प्रमुख रूप से शोभा मंडल, इंदू सिंह, संगीता सिंह, कलावती देवी, ज्ञानती देवी, गायत्री देवी, सुनीता देवी, रीता देवी, मानती देवी, भोली देवी, धर्मशीला देवी, लालपरी देवी, रूपचंदा देवी, रूपू देवी, आशा देवी, बालमती देवी, देवंती देवी आदि शामिल रहीं।
प्रमुख मांगें
- माइक्रोफाइनेंस कंपनियों पर सख्त नियंत्रण और कर्ज वसूली में मनमानी पर रोक।
- रसोई गैस की कीमतों में की गई हालिया वृद्धि को वापस लिया जाए।
- गरीब महिलाओं को बिना ब्याज के कर्ज देने की सरकारी योजना लाई जाए।
- खाद्य पदार्थों की कीमतों को नियंत्रित किया जाए।
- स्वास्थ्य व शिक्षा सेवाओं का निजीकरण रोका जाए।
- महिलाओं के लिए रोजगार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
- सामाजिक सुरक्षा पेंशन व मानदेय में वृद्धि की जाए।
- वक्फ संशोधन कानून को रद्द किया जाए।